हरियाणा के अंबाला कैंट सीट पर टिकीं सबकी निगाहें, क्या अनिल विज कर पाएंगे वापसी? All eyes are on Haryana's Ambala Cantt seat, will Anil Vij be able to make a comeback?
नई दिल्ली : हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में अंबाला कैंट सीट सबसे पुराने विधानसभा क्षेत्रों में गिनती होती है. अंबाला कैंट अंबाला जिले का हिस्सा है. यहां सबसे पहली बार 1967 में चुनाव हुआ था. अंबाला कैंट सीट पर सबसे ज्यादा बार बीजेपी के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. 2019 के चुनाव में भाजपा के विधायक अनिल विज ने यहां से जीत की हैट्रिक लगाई थी. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार को चित्रा सरवारा को 20165 वोटों के अंतर से हराकर यह सीट जीती थी. ऐसे में देखना रोचक होगा कि अनिल विज अपने जीत का सफर इस चुनाव में बरकरार रख पाते हैं या कांग्रेस बीजेपी के गढ़ में सेंधमारी करने में कामयाब होती है.
अंबाला कैंट विधानसभा सीट की राजनीतिक सफर का शुरूआत 1967 से होता है. उस समय इस सीट पर कांग्रेस के डीआर आनंद ने जीत हासिल किया था. वहीं 1968 में बीजेपी के भगवान दास ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1972 में कांग्रेस के हंसराज सूरी यहां से विधायक चुने गए थे.बीजेपी की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज भी यहां से 1977 और 1987 में इस सीट से विधानसभा पहुंचीं थीं. इसके बाद कांग्रेस ने वापसी करते हुए 1982 में जीत हासिल की थी.1991 में फिर से कांग्रेस के ब्रिज आनंद ने यहां से विधायक बने थे.
1996 में अनिल विज ने अंबाला कैट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उन्होंने यहां से जीत हासिल की थी. साल 2000 में अनिल विज ने दूसरी बार जीत हासिल किया था. साल 2005 में कांग्रेस के देवेंद्र बंसल ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी. उसके बाद बीजेपी ने अनिल विज को 2009 और 2014 के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था. दोनों बार उन्होंने जीत हासिल की थी.
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में अनिल विज को कड़ी टक्कर देने वाली निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस अंबाला कैंट से उन्हें अपना उम्मीदवार बना सकती है. वहीं बीजेपी फिर से अनिल विज पर भरोसा जता सकता है. ऐसे में इस बार अंबाला कैंट सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी.
अंबाला कैंट सीट पर सभी समुदाय के मतदाता मौजूद हैं. सबसे ज्यादा संख्या यहां पर एससी और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की है. इसके अलावा बनिया, पंजाबी, सिख भी यहां अच्छी खासी संख्या में हैं. यहां पर पंजाबी समुदाय का दबदबा है. अभी तक के चुनाव में यहां से 10 बार पंजाबी समुदाय से विधायक चुने गए है.
अंबाला कैंट विधानसभा सीट पर 2019 में बीजेपी के अनिल वीज ने निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को हराया था .उन्हें 64,571 वोट मिले थे. उनका वोट शेयर 53.04% था. वहीं दूसरे नबंर पर निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा थी .उनको करीब 44,406 वोट मिले थे.उनका वोट शेयर 36.48% था .वहीं तीसरे नबंर पर कांग्रेस के वेणु सिंगला थे.उन्हें 8,534 वोट मिले थे .उनका वोट शेयर 7.01% था.