रानियां. हरियाणा के तीन लालों में से सबसे बड़े लाल चौधरी देवीलाल के तीसरे नंबर के बेटे रंजीत चौटाला इन दिनों चर्चे में है. भाजपा का दामन थाम पहले मंत्री बने थे और उसके बाद हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़े थे लेकिन उनकी दो बहुओं नैना और सुनैना चौटाला ने ससुर जी के छक्के […]
रानियां. हरियाणा के तीन लालों में से सबसे बड़े लाल चौधरी देवीलाल के तीसरे नंबर के बेटे रंजीत चौटाला इन दिनों चर्चे में है. भाजपा का दामन थाम पहले मंत्री बने थे और उसके बाद हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़े थे लेकिन उनकी दो बहुओं नैना और सुनैना चौटाला ने ससुर जी के छक्के छुड़ा दिये और वह कांग्रेस के जय प्रकाश के हाथों चुनाव हार गये थे. ये बात अलग है कि दोनों बहुएं जमानत तक नहीं बचा पाईं. इन दिनों रंजीत चौटाला भाजपा से बिदके हुए हैं और कांग्रेस में नया ठिकाना तलाश रहे हैं.
दरअसल भाजपा का हरियाणा में हलोपा से गठबंधन है. हलोपा गोपाल कांडा की पार्टी है जो सिरसा से विधायक हैं. इस चुनाव में वह भाजपा से सिरसा जिले की सभी पांट सीटें डबवाली, कालांवली, सिरसा, ऐलनाबाद और रानियां मांग रहे हैं लेकिन भाजपा किसी भी सूरत में उन्हें दो से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं है. सबसे बड़ा पेंच रानियां विधानसभा सीट को लेकर फंसा है जहां से ताऊ देवीलाल के तीसरे नंबर के बेटे रणजीत चौटाला निर्दलीय चुनाव जीते थे और जब विधायक कम पड़े तो उन्होंने तत्कालीन खट्टर सरकार का साथ दिया था और मंत्री बने थे.
बाद के दिनों में वह भाजपा में शामिल हो गये और हिसार से लोकसभा का चुनाव लड़ा किंतु वह चुनाव हार गये लिहाजा रानियां से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. उधर हलोपा वाले गोपाल कांडा अपने बेटे धवल कांडा को रानियां से लड़ाना चाहते हैं. रंजीत चौटाला धवल कांडा की उम्मीदवारी के ऐलान से भड़के हुए हैं और हरहाल में वहीं से चुनाव लड़ने का ऐलान कर भाजपा को साफ संदेश दे दिया है.
भाजपा हरियाणा में बुरी तरह फंसी हुई है वह दोनों में से किसी को नहीं छोड़ना चाहती. गोपाल कांडा सिरसा, चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं और हरियाणा बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से भी मिल आये हैं. सूत्रों के मुताबिक 30 अगस्त तक भाजपा की पहली लिस्ट आ सकती है और रंजीत चौटाला कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं. वह नया ठिकाना भी तलाश रहे हैं. सभी दल घूमकर वह भाजपा में आये हैं और यदि भाजपा ने रानियां से उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह कांग्रेस में फिर से जा सकते हैं.
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