SC Rejects Tej Bahadur Yadav Nomination Cancel Plea: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी से वाराणसी लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार और बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा नामांकन रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी. वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. गुरुवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि तेज बहादुर यादव की याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है. इस तरह वाराणसी लोकसभा सीट से चुनावी किस्मत आजमाने की कोशिश में लगे सपा-बसपा महागठबंधन उम्मीदवार तेज बहादुर यादव की इस बार चुनाव लड़ने की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है.
नई दिल्ली. SC Rejects Tej Bahadur Yadav Nomination Cancel Plea: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव 2019 में वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की कोशिश में लगे सपा-बसपा महागठबंधन उम्मीदवार और बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. तेज बहादुर यादव ने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव आयोग द्वारा नामांकन खारिज करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
गुरुवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तेज बहादुर की याचिका में कोई मेरिट नही है और इसे एंटरटेन नहीं किया जा सकता. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है. इस तरह वाराणसी लोकसभा सीट से चुनावी किस्मत आजमाने की कोशिश में लगे सपा-बसपा महागठबंधन उम्मीदवार तेज बहादुर यादव की इस बार चुनाव लड़ने की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है.
Supreme Court dismisses plea of former BSF constable & SP candidate Tej Bahadur Yadav (in file pic)against rejection of his nomination from Varanasi LS constituency. A Bench headed by CJI Gogoi dismissing the plea said, “We don’t find any merit to entertain this petition” pic.twitter.com/SjusLxv5ZC
— ANI (@ANI) May 9, 2019
तेज बहादुर यादव की ओर से सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमें बस ये कहना है कि तेज बहादुर का नामांकन गलत तरीके से और गैरकानूनी तरीके से खारिज हुआ है और उन्हें 19 मई को चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया.
मालूम हो कि तेज बहादुर यादव ने ने वाराणसी से नामांकन खारिज किए जाने के बाद चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए आरोप लगाया था कि इलेक्शन कमीशन ने मनमाने तरीके से उनका नामांकन रद्द किया है. चुनाव आयोग ने कहा था कि तेज बहादुर यादव बीएसएफ से एनओसी लाने में नाकाम रहे जिसमें साफ तौर पर लिखा हो कि उन्हें किस वजह से नौकरी से बर्खास्त किया गया था. तेज बहादुर की दलील थी कि उन्हें अनुशासनहीनता की वजह से बर्खास्त किया गया था न कि भ्रष्टाचार की वजह से.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 19 मई को लोकसभा चुनाव है. कांग्रेस ने पीएम मोदी के खिलाफ अजय राय को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं सपा-बसपा गठबंधन ने शालिनी यादव का टिकट काट बीएसएफ के बर्खास्त जवान और निर्दलीय उम्मीदवार तेज बहादुर यादव को टिकट दिया था. तेज बहादुर यादव ने 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था, लेकिन बाद में चुनाव आयोग ने उनका नामांकन खारिज कर दिया.