Mayawati to EC on Muslims: बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनाव आयोग के नोटिस के बाद अपना जवाब दाखिल किया है. चुनाव आयोग ने मायावती के यूपी के देवबंद में हुई लोकसभा चुनाव की रैली में मुस्लिमों से सिर्फ महागठबंधन को वोट देने की बात कही थी. इस पर मायावती ने कहा है कि मुसलमान बहुजन समाज का ही हिस्सा हैं और उन्होंने पूरे समाज को संदेश दिया था.
नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के उत्तर प्रदेश की देवबंद में लोकसभा चुनाव रैली में मुस्लिमों से वोट की अपील करने पर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई थी. आयोग ने दो दिन पहले मायावती को नोटिस देकर जवाब देने के लिए कहा था. मायावती चुनाव आयोग में जवाब दाखिल कर दिया है. हालांकि वे अपने बयान पर कायम हैं. मायावती ने अपने जवाब में कहा कि रैली में उन्होंने बहुजन समाज को संदेश दिया था और मुस्लिम भी उसी का हिस्सा है.
मायावती ने अपने जवाब में कहा कि उनकी अपील बहुजन समाज के लिए थी, जिसे उनकी पार्टी का समर्थन आधार माना जाता है, और उन्होंने मुसलमानों का उल्लेख किया क्योंकि वे उसी समाज का हिस्सा हैं. दरसअल चुनाव प्रचार में मुसलमान वाले बयान पर मायावती को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था. जिसमें मायावती ने चुनावी रैली को संबोधित कर कहा था कि अगर भाजपा को हराना है तो मुस्लिम बिरादरी के सभी लोग अपना वोट बांटने के बजाय महागठबंधन को एकतरफा वोट दें.
आपको बता दें कि दो दिन पहले चुनाव आयोग ने मायावती के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी नोटिस भेजा था. आयोग ने सीएम योगी आदित्यनाथ के अली-बजरंगबली वाले बयान पर आपत्ति जताई थी. योगी ने भी शनिवार को चुनाव आयोग के समक्ष अपना जवाब दाखिल किया. उन्होंने अपने जवाब में चुनाव आयोग से आगे से ऐसे बयान नहीं देने की बात कही है.
गौरतलब है कि देशभर में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है. 11 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग हुई थी. जिसमें यूपी की 8 समेत देश के 20 राज्यों की कुल 91 लोेकसभा सीटों पर मतदान हुआ. अब दूसरे चरण के लिए 18 अप्रैल को वोटिंग होनी है.
लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों की घोषणा के बाद से ही देशभर में आचार संहिता लागू हो गई है. इस दौरान कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता धर्म के नाम पर वोटर्स को लुभाने की कोशिश नहीं कर सकता है. यदि ऐसा होता है तो इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है और चुनाव आयोग इस पर कार्रवाई कर सकता है. इसलिए चुनाव आयोग ने योगी और मायावती के बयान पर आपत्ति जताई और उनसे जवाब मांगा था.