Gopal Rai on AAP Congress Alliance: दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आप के संयोजक गोपाल राय आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन विवाद में कूद गए हैं. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि क्यों कांग्रेस 11 सीटों पर भाजपा को जिताना चाहती है?
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 की शुरुआत होते ही राजनीति का माहौल गर्म हो गया है. पार्टियां जीत हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश में लगी है. पार्टियों ने इसके लिए गठबंधन का रास्ता भी अपनाया है. दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन पर फैसला नहीं हो पा रहा है. इसी के बीच दोनों पार्टियों की ओर से बयानबाजी शुरू हो गई है.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां ट्विटर के जरिए बयान दे रहे हैं. दोनों पार्टियां एक दूसरे के ट्वीट के जवाब दे रही हैं. पहले राहुल गांधी ने कहा कि वो अब भी दिल्ली में गठबंधन को लेकर तैयार हैं. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने यूटर्न ले लिया. इसी के बाद राहुल गांधी ने कहा, यदि आम आदमी पार्टी वाकई गठबंधन चाहती तो साफ बात कर इस दिशा में कदम उठाए. इसपर केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कौन-सा यूटर्न?
हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ मिलाकर 18 सीटें हैं। कांग्रेस कह रही है कि इनमें 3 सीटें कांग्रेस को जीतने दो, 4 सीट “आप” जीत ले और 11 सीटें भाजपा को जीतने दें। हम भाजपा को एक भी सीट नहीं देना चाहते। यहाँ आकर बात अटक गयी है
आखिर कांग्रेस भाजपा को 11 सीटों पर क्यों जिताना चाहती हैं?
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) April 16, 2019
वहीं अब दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आप के संयोजक गोपाल राय भी इस विवाद में कूद गए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस भाजपा को 11 सीटें क्यों जिताना चाहती है? उन्होंने ट्वीट करके कहा, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ मिलाकर 18 सीटें हैं. कांग्रेस कह रही है कि इनमें 3 सीटें कांग्रेस को जीतने दो, 4 सीट “आप” जीत ले और 11 सीटें भाजपा को जीतने दें. हम भाजपा को एक भी सीट नहीं देना चाहते. यहाँ आकर बात अटक गयी है. आखिर कांग्रेस भाजपा को 11 सीटों पर क्यों जिताना चाहती हैं?
दरअसल आम आदमी पार्टी लंबे समय से कांग्रेस के साथ गठबंधन पर विचार कर रही थी. केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाण, चंडीगढ़ और गोवा में भी वो गठबंधन चाहते थे. हालांकि पंजाब को लेकर कांग्रेस पहले ही अपना रुख साफ कर चुकी थी. वहीं आम आदमी पार्टी ने फिर नए फॉर्मूले के साथ कांग्रेस के आगे हरियाणा,चंडीगढ़ और दिल्ली की 18 सीटों पर पार्टी से गठबंधन करने का प्रस्ताव रखा.