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EC on EVM VVPAT Verification: विपक्षी पार्टियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग का जवाब- 50 परसेंट बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्ची का मिलान किया तो 9 दिन तक लेट होंगे लोकसभा चुनाव के नतीजे

EC on EVM VVPAT Paper Trial Verification: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ईवीएम और वीवीपैट पर्ची के मिलान पर 21 विपक्षी पार्टियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर भारत निर्वाचन आयोग (चुनाव आयोग) ने अपना हलफनामा पेश किया है. चुनाव आयोग का कहना है कि 50 फीसदी बूथों पर वीवीपैट पर्ची का ईवीएम से मिलान करना संभव नहीं है. इसके लिए ज्यादा संसाधन और समय की जरूरत होगी और चुनाव के नतीजे देरी से आएंगे.

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EVM VVPAT verification new rule lok sabha election 2019
  • March 29, 2019 3:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (चुनाव आयोग) पूरी तरह से तैयारियों में लगा है. इस बार देश के सभी वोटिंग बूथों पर ईवीएम के साथ वीवीपैट का भी उपयोग किया जाएगा. चुनावी आयोग की वर्तमान व्यवस्था के अनुसार वीवीपैट के पेपर ट्रेल (वीवीपैट पर्ची) को हर एक विधानसभा क्षेत्र के किसी एक बूथ की ईवीएम से औचक मिलान किया जाता है. इस व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें बताया गया कि 50 प्रतिशत बूथों पर वीवीपैट की पर्ची का ईवीएम से मिलान किया जाए, जिससे नतीजे और भी ज्यादा तथ्यात्मक हो सकें.

इस मामले पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें आयोग ने एक विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ से औचक मिलान की मौजूदा व्यवस्था को सही ठहराया है और आगामी चुनावों में 50 प्रतिशत बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट की पर्ची का मिलान करने से मना कर दिया है. आयोग ने कहा है कि अभी तक कि जो व्यवस्था है उसमें कोई भी गलती नहीं पाई गई है, न ही याचिकाकर्ताओं ने कोई गलती बताई है. चुनाव आयोग ने पेपर ट्रेल को ईवीएम से मिलान की व्यवस्था को अंदरूनी मैकेनिज्म के तहत लागू किया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे.

आयोग का कहना है कि यदि अब ईवीएम से वीवीपैट के मिलान की संख्या बढ़ाई गई तो काफी मुश्किल हो जाएगा. इसके लिए ज्यादा ट्रेनिंग, चुनाव अधिकारियों की अधिक संख्या और बूथों की आवश्यकता होग. अगर इसे याचिकाकर्ता की 50 फीसदी मिलान की बात मानी गई तो पूरी काउंटिंग में 6 दिन तक लगेंगे.

चुनाव आयोग ने बताया कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में करीब 400 बूथ हैं, वहां गणना करने में 9 दिन तक लग सकते हैं और यदि ऐसा होता है तो चुनाव परिणाम देरी से आएंगे. लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरु हो रहे हैं और ऐसे में इसे बढ़ाने में व्यावहारिक दिक्कतें आएंगी. हालांकि चुनाव आयोग ने इस बात तो को पूरी तरह से अस्वीकार नहीं किया है. आयोग का कहना है कि भविष्य में ऐसे कदम उठाने के लिए उनके द्वार हमेशा खुले हैं और अगर ऐसे सुझाव आएंगे तो उन पर फौरन गौर किया जाएगा.

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