नई दिल्ली। रेखा गुप्ता दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री होंगी। बुधवार को हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में रेखा के नाम की घोषणा हुई। अब वो कल-गुरुवार को रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। इस बीच आइए आपको बताते हैं कि रेखा गुप्ता कौन हैं…
रेखा गुप्ता ने राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से शुरू की थी।
रेखा गुप्ता का परिवार जुलाना (हरियाणा) में व्यापार करता है।
रेखा गुप्ता के पिताजी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी की थी, और इसी कारण उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था।
रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं. दिल्ली में वैश्य समुदाय करीब 8 फिसदी हैं।
अगर रेखा गुप्ता दिल्ली की सीएम बनती हैं तो वर्तमान में देश में एक मात्र बीजेपी की महिला सीएम होंगी।
50 वर्षीय रेखा गुप्ता के पास करीब 5 करोड़ की संपत्ति हैं।
रेखा गुप्ता का जन्म 19 जुलाई 1974 को हरियाणा के जुलना में हुआ।
दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा प्राप्त की।
रेखा गुप्ता ने साल 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के माध्यम से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की।
1996-97 में, वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं, जहाँ उन्होंने छात्रों के मुद्दों को सक्रिय रूप से उठाया।
साल 2007 औऱ 2012 में दोबार पीतमपुरा (वार्ड 54) से पार्ष्द चुनी गईं।
साल 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुने जाने के बाद, उन्होंने क्षेत्र में पुस्तकालय, पार्क और स्विमिंग पूल जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास पर काम किया।
महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए, उन्होंने “सुमेधा योजना” जैसी पहल शुरू की, जिसने आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता की।
महिला कल्याण और बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में, उन्होंने महिलाओं के लिए सशक्तिकरण अभियान का नेतृत्व किया।
रेखा गुप्ता दिल्ली में भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव और इसकी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सदस्य भी रह चुकी हैं।
वर्ष 1994-95 में दौलत राम कॉलेज के सचिव बने।
वर्ष 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के सचिव बने।
वर्ष 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष बने।
उन्होंने 2003-2004 तक भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा दिल्ली राज्य के सचिव का पद संभाला।
वह वर्ष 2004-2006 में श्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव बनीं।
वह अप्रैल 2007 में उत्तरी पीतमपुरा, दिल्ली की पार्षद बनीं।
वह भाजपा महिला मोर्चा की राज्य महासचिव भी हैं।
नगर निगम पार्षद बनने के बाद उन्हें 2007-2009 तक लगातार दो वर्षों तक महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति एमसीडी के अध्यक्ष का दायित्व भी सौंपा गया।
वह दिल्ली राज्य महिला मोर्चा भाजपा-2009 की महासचिव भी हैं।
मार्च 2010 में उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में दायित्व सौंपा गया।
उन्होंने पहली बार “कॉमन एडमिशन फॉर्म” शुरू किया, जिससे लाखों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने छात्राओं के साथ होने वाले उत्पीड़न और छेड़छाड़ को रोकने तथा परिसर में अपराध और कुव्यवस्था की जांच करने के लिए यौन उत्पीड़न विरोधी समिति और कॉम्पैक्ट कैंपस समिति का गठन किया।
उन्होंने छात्रों के लिए “यू-स्पेशल बसों” की कमी को उजागर करने के लिए पहल की और नेतृत्व किया और सभी पांच प्रमुख छात्र संघों अर्थात् डूसू, जेएनयू (छात्र संघ), जामियामिलिया इस्लामिया छात्र संघ, लाल बहादुर शास्त्री विद्या पीठ छात्र संघ और टीआईबीआईए मेडिकल कॉलेज छात्र संघ को एक मंच पर लाया।
उन्होंने निजी ट्यूशन के बजाय व्याख्याताओं द्वारा नियमित कक्षाएं लेने की सुविधा प्रदान की और प्रोत्साहित किया।
पहली बार पीतमपुरा-सीता वाटिका (क्यूयू ब्लॉक) में महिला पार्क विकसित किया।
पहली बार हैदरपुर क्षेत्र में पार्षद प्रशासनिक कार्यालय शुरू किया गया , जिससे बहुसंख्यक झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
पहली बार हैदरपुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं।
700 से अधिक व्यक्तियों को नियमित रूप से गरीब/वरिष्ठ नागरिकों/विधवाओं/आश्रितों को पेंशन वितरित करना।
क्षेत्र में गलियों/सड़कों तथा विकसित/मरम्मत की गई सीमेंट सड़कों, सर्विस लेन, पैदल पथ आदि की स्थिति की नियमित निगरानी करना।
दिल्ली के एमसीडी स्कूलों के 9 लाख विद्यार्थियों में से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मान्यता देने और पुरस्कृत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए।
बाल श्रम के खिलाफ विरोध किया और गरीब समाज को “बाल श्रम के लिए नहीं” कहने के लिए शिक्षित किया और इस उद्देश्य के लिए कई अभियान शुरू किए।
पीतमपुरा क्षेत्र में प्रतिदिन घर-घर से कचरा उठाने के लिए कई पर्यावरण अनुकूल (बैटरी चालित) कचरा ट्रक आवंटित किए गए।
मालूम हो कि दिल्ली विधानसभा चुनाव-2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। यहां पार्टी ने अपनी 10 साली पुरानी सत्ता गंवा दी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 27 साल के बाद दिल्ली में सरकार बनाई है। चुनाव में बीजेपी को 70 में से 48 सीटों पर जीत मिली। वहीं AAP को सिर्फ 22 सीटों पर ही सफलता मिली।
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