CM पद की शपथ लेने के साथ ही रेखा गुप्ता सुर्खियों में हैं. रामलीला मैदान मेे आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के जरिए भाजपा ने एक संदेश देने की कोशिश की है लेकिन इस समारोह में रेखा गुप्ता ने एक चूक कर दी...
नई दिल्ली. रेखा गुप्ता ने दिल्ली सीएम की कुर्सी संभालने के बाद पहली ही कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले कर डाले. उन्होंने मोदी सरकार की आयुष्मान योजना को दिल्ली में लागू करने और यमुना की सेहत सुधारने का बीड़ा उठा लिया है. सीएम अपने मंत्रियों के साथ यमुना मैया की आरती करने पहुंचीं. रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण को यादगार बनाने के लिए जबरदस्त तैयारी की गई थी और जानबूझ कर इसे रामलीना मैदान में रखा गया था. आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल इसी रामलीला मैदान की देन हैं. 2011 में तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ आंदोलन का यहीं से आगाज हुआ था. भाजपा दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में आई है लिहाजा उसी रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण कार्यक्रम रखा जिससे कि लोगों के बीच संदेश जाए.
यूं तो ये शपथ ग्रहण समारोह काफी शानदार था लेकिन इस दौरान कुछ भूलें भी हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण के बाद मंच से अकेले बाहर की ओर बढ़ने लगे, तभी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का इस ओर ध्यान गया. उन्होंने रेखा गुप्ता को नसीहत देने में देर नहीं लगाई और सीएम को पास बुलाकर याद दिलाया कि प्रोटोकॉल के अनुसार, उन्हें प्रधानमंत्री के साथ चलना चाहिए. इसके बाद सीएम रेखा गुप्ता को अहसास हुआ कि उनसे भूल हो गई. वह तेज कदमों से पीएम मोदी के पास पहुंची और प्रोटोकॉल का पालन किया. इसके बाद वह मंच के नीचे तक ही नहीं गईं बल्कि उन्हें गाड़ी तक छोड़ने गईं.
अपने देश के प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति सबसे ऊपर है और दूसरा नंबर उपराष्ट्रपति का है. प्रधानमंत्री तीसरे नंबर पर आते हैं और जब वह किसी राज्य में जाते हैं तो प्रोटोकॉल और परंपरा के मुताबिक राज्यपाल और मुख्यमंत्री उन्हें रिसीव करने जाते हैं और विदाई के समय भी मौजूद रहते हैं. यदि ऐसा संभव नहीं हो पाता है तो उनके प्रतिनिधि यह काम करते हैं. इसे आप यूं भी समझ सकते हैं कि आपके घर जब कोई मेहमान आता है तो आप उसका स्वागत और विदाई करते हैं. उसके साथ चलते हैं ताकि उन्हें उचित सम्मान मिले. यही काम सरकारी सिस्टम में भी होता है लेकिन उसके लिए निर्धारित व्यवस्था निर्धारित है ताकि कोई चूक न हो. जब पीएम मंच से जा रहे थे तब सीएम को उन्हें विदा करने के लिए उनके साथ साथ चलना था लेकिन ऐसा करना वह भूल गईं जिसे जेपी नड्डा ने सुधारा.
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