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सुप्रीम कोर्ट का BPSC पर सुनवाई से इनकार, बोला पटना हाई कोर्ट जाएं

सुप्रीम कोर्ट ने आज 70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले को पटना हाई कोर्ट में ले जाने की सलाह दी है. इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई की.

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Supreme Court from Big statement will hear on BPSC issue, allegation of fraud
  • January 7, 2025 4:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 day ago

पटना: सुप्रीम कोर्ट ने आज 70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले को पटना हाई कोर्ट में ले जाने की सलाह दी है. इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई की. बता दें कि 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं BPSC प्रीलिम्स परीक्षा को लेकर छात्रों में काफी नाराजगी है.

पहले पटना हाई कोर्ट जाएं

बेंच ने बिहार BPSC प्रीलिम्स परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. वहीं साथ ही याचिकाकर्ता को पहले पटना हाई कोर्ट जाने को कहा. वहीं मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की प्रथम स्तर पर सुनवाई के लिए उचित मंच नहीं है और अनुच्छेद 226 के तहत इसे पटना उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना बेहतर है.

हालांकि आगे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह छात्रों और प्रदर्शनकारियों की भावना को समझता है, पर इस मामले पर सीधे तौर पर हस्तक्षेप करने के बजाय याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाना चाहिए। कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि इस तरह के मामले के लिए स्थानीय कोर्ट अधिक प्रभावी मंच होते हैं।

परीक्षा रद्द करने की मांग

बता दें कि याचिका में BPSC प्रीलिम्स परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है. साथ ही प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार जिले के एसपी और डीएम के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई. याचिका में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है और मांग की गई है कि इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में सीबीआई से कराई जाए.

छात्रों पर बेरहमी से लाठीचार्ज

वहीं सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस ने अभ्यर्थियों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया है और पटना हाई कोर्ट इस पर स्वत: संज्ञान ले सकता था क्योंकि घटना पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आवास के बाहर हुई थी. इस पर पीठ ने दलील खारिज कर दी और मामले पर आगे सुनवाई से भी इनकार कर दिया.

 

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