बिहार का सोनपुर मेला न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। इस मेले में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। इस मेले में लैला मजनू नामक पौधा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
नई दिल्ली: बिहार का सोनपुर मेला एशिया का प्रसिद्ध मेला है। इस मेले को पशु मेला भी कहा जाता है, एक महीने तक चलने वाला एक अनूठा आयोजन है। यह न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। इस मेले में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। इस मेले में लैला मजनू नामक पौधा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सोनपुर मेला घूमने आए प्रेमी प्रेमिका इस पौधे को जरूर खरीदते है। आखिर क्या खासियत है इस पौधे की।
पौधों के जानकारों के अनुसार इस पौधे को घर में लगाने से दंपत्ति के बीच लैला-मजनू जैसा प्यार बढ़ता है। यही वजह है कि सोनपुर मेले में लगी नर्सरी में इस पौधे की भारी मांग है। इस पौधे की कीमत 250 रुपये से लेकर 500 रुपये तक है। नर्सरी मालिक गुड्डू अरोड़ा कहते हैं कि इसे घर के बाहर या अंदर लगाने से परिवार के सदस्यों में आत्मीयता बनी रहती है। जिसके कारण मेले में आने वाले लोग इसे बड़ी संख्या में खरीद रहे हैं।
शायद यही वजह है कि इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है. हल्के लाल रंग का यह छोटा सा पौधा कपास की एक किस्म है. इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है. मेले में आने वाले नवविवाहित जोड़े और प्रेमी जोड़े इसे खूब पसंद कर रहे हैं. इस पौधे में सिर्फ पत्तियां होती हैं. सबसे बड़ी खासियत यह है कि लैला मजनू पौधे की पत्तियां ऊपर से पूरी तरह हरी और नीचे की सतह से लाल होती हैं. एक पत्ते में दो रंग देखकर हर कोई हैरान हो जाता है.
यह भी पढ़ें :-