नई दिल्ली: कोडिनार विधानसभा सीट को गिर सोमनाथ ज़िले की चारों विधानसभा सीटों में सबसे ख़ास माना जाता है। इस सीट पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की भी नज़र रहती है। वर्तमान समय में कांग्रेस के मोहन मालव यहां से विधायक हैं। यहां से भाजपा विधायक दीनू बोघा सोलंकी जो साल 1998, 2002 और साल […]
नई दिल्ली: कोडिनार विधानसभा सीट को गिर सोमनाथ ज़िले की चारों विधानसभा सीटों में सबसे ख़ास माना जाता है। इस सीट पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की भी नज़र रहती है। वर्तमान समय में कांग्रेस के मोहन मालव यहां से विधायक हैं। यहां से भाजपा विधायक दीनू बोघा सोलंकी जो साल 1998, 2002 और साल 2007 के चुनावों में लगातार तीन बार चुनाव जीते थे, उनपर अमित जेठवा जो कि एक RTI एक्टिविस्ट यानि सूचना के अधिकार के पैरोकार की हत्या का आरोप लगा था, मामले की सुनवाई के समय दीनू बोघा को अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफ़ा देना पड़ा था।
दीनू बोघा के इस्तीफ़े के बाद के राजनातिक समीकरण
इस वाक़िये के बाद चुनाव में कांग्रेस के बी.डी. करसन को कोडिनार विधानसभा सीट पर जीत मिली। 2012 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के ही जेठाभाई दानाभाई सोलंकी के सिर पर जीत का सेहरा बंधा। इसके बाद ये इलाका भाजपा के गढ़ के तौर पर मशहूर हो गया और उनका प्रभाव राज्यसभा और विधानसभा दोनों के ही चुनावों में देखने को मिलता है। इन सब बातों से इतर अभी कांग्रेस पार्टी इस सीट पर काबिज़ है, लेकिन कांग्रेस के जीतने के बाद भी आज तक दीनू भाई सोलंकी का इस सीट पर दबदबा माना जाता है।
अमित शाह और दीनू बोघा सोलंकी के बीच दोस्ती
गुजरात की सियासी उठापटक ने अमित शाह और दीनू बोघा सोलंकी के बीच दोस्ती कायम की और दोनों ही लोगों का राजनीति में वर्चस्व बढ़ता ही चला गया। कोडिनार विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 234839 है। इनमें 119,622 पुरूष और 114,967 महिला मतदाता हैं।