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गुजरात: चुनाव में इन वोटर्स के लिए पार्टियां भेजती है लग्जरी बस, जानें कौन हैं ये ख़ास लोग

जामनगर. गुजरात में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में यहाँ सियासी सरगर्मियां छाई हुई हैं, 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा और आठ दिसंबर को नतीजे आ जाएंगे. चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल एड़ी छोटी का ज़ोर लगा रहे हैं. फिलहाल हम आपको ऐसे मतदाताओं के बारे में […]

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  • November 30, 2022 5:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

जामनगर. गुजरात में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में यहाँ सियासी सरगर्मियां छाई हुई हैं, 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा और आठ दिसंबर को नतीजे आ जाएंगे. चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल एड़ी छोटी का ज़ोर लगा रहे हैं. फिलहाल हम आपको ऐसे मतदाताओं के बारे में बताएंगे जिन्हें वोटिंग के लिए बड़ी संख्या में सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात से लाया जाएगा और इन लोगों को लाने के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां भी तेज़ कर दी हैं.

दरअसल, ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात के दाहोद, पंचमहाल, छोटा उदयपुर, नर्मदा, डांग , तापी इत्यादी आदिवासी इलाके हैं और यहाँ से अच्छी-खासी संख्या में लोग मजदूरी और खेत- किसानी करने के लिए सौराष्ट्र यानी कि उत्तर गुजरात जाते हैं. वो लोग काम के लिए साल भर वहीं रहते हैं और जब कोई त्यौहार पड़ता है तब वो आते हैं. लेकिन कुछ ही दिनों में यहाँ विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में वह लोग वोटिंग करने के लिए आएं, इसके लिए राजकीय पार्टियों ने उन्हें लाने के लिए ट्रक से लेकर प्राइवेट बस तक की व्यवस्था की है जिससे वो उन्हें ही वोट दें. पार्टियां पहले इन्हें उत्तर गुजरात जाकर ढूंढती हैं और फिर इन्हें मतदान के लिए लाया जाता है.

क्यों किया जाता है ऐसा

इन मतदाताओं का कोई खास रेकॉर्ड नहीं है कि वो कहां से आते हैं और किस गाँव के है, लेकिन उनकी संख्या लाख में है इसलिए पार्टियां इन्हें लुभाने में रहती है. ये लोग गुजरात के सौराष्ट्र उत्तर गुजरात के अंदर मेहनत मजदूरी करने के लिए जाते हैं और उन्हें लाने के लिए पार्टियां हर कोशिश करती हैं. इस संबंध में एक स्थानीय नेता ने बताया कि हर चुनाव के दौरान इन लोगों को लाने के लिए यहां से ट्रक, लग्जरी बस, टेंपो भेजे जाते हैं. इस दौरान 3 दिन के खाने-पीने के खर्च से लेकर उनकी हर तरह की सहायता भी की जाती है. उन्हें जब यहां लाया जाता है तो उनकी 3 दिन की मजदूरी भी दी जाती है.

 

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