जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 5 साल तक अच्छा काम किया है. यहां पर कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है. हमने जनता को जो गारंटी दी है वो शानदार है. हमने लोगों […]
जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 5 साल तक अच्छा काम किया है. यहां पर कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है. हमने जनता को जो गारंटी दी है वो शानदार है. हमने लोगों को 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया है, ऐसा देश का कोई दूसरा राज्य नहीं दे रहा है. हम लगभग एक करोड़ लोगों को 1 हजार रुपये पेंशन के रूप में दे रहे हैं. इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि पार्टी का घोषणा पत्र जल्द ही जारी होगा.
इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरदारपुरा विधानसभा सीट से अपना पर्चा भरा. गहलोत हर बार की तरह इस बार भी सादगी से अपनी कार में चार लोगों के साथ नामांकन दाखिल करने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उनके साथ पत्नी सुनीता गहलोत और पुत्र वैभव गहलोत भी मौजूद थे. नामांकन दाखिल करने से पहले अशोक गहलोत ने मंडोर पहुंचकर अपनी बड़ी बहन विमला से आशीर्वाद लिया.
नामांकन दाखिल के करने के बाद मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान को पहले पिछड़े राज्य के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. आज राजस्थान में एम्स, आईआईटी, आईआईएम हैं. जब पहली बार मैं राजस्थान का मुख्यमंत्री बना था उस वक्त सिर्फ 6 विश्वविद्यालय थे लेकिव अब 100 से ज्यादा कॉलेज हैं. राजस्थान की जनता राज्य में कांग्रेस की सरकार को दोहराने के मूड में दिखाई दे रही है.
बता दें कि अशोक गहलोत ने सरदारपुरा विधानसभा सीट से साल 1999 में 49 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2003 के चुनाव में उन्होंने भाजपा के महेंद्र झाबक को 24 हजार वोटों से मात दी. फिर 2008 के चुनाव में गहलोत ने बीजेपी के उम्मीदवार राजेंद्र गहलोत को 16 हजार मतों से मात दी. इसके बाद 2013 में भाजपा के शंभू सिंह खेतासर को 18 हजार वोटों से हराया. फिर 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के शंभू सिंह खेतासर को 48 हजार वोटों से मात दी.