नई दिल्ली: रामायण के कुछ पात्र नायक थे तो कुछ खलनायक। रामायण काल में धर्म और सत्य के लिए कई युद्ध हुए, जिनमें हथियारों का इस्तेमाल किया गया। उस समय भी ऐसे हथियार थे, जो आधुनिक समय के बम, रॉकेट और मिसाइलों से भी ज्यादा खतरनाक थे।
महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में युद्ध का जिक्र मिलता है। कभी असत्य को हराने के लिए, कभी सत्य की जीत के लिए, कभी धर्म की रक्षा के लिए, कभी महिलाओं की रक्षा के लिए तो कभी कुल की रक्षा के लिए।
युद्ध तो होते ही रहते थे। कई ऐसे पात्र थे, जिन्हें अमरता का वरदान प्राप्त था और वे किसी भी युद्ध में पराजित नहीं हुए लेकिन प्रकृति के नियमों के खिलाफ कौन जा सकता है? आइए जानते हैं रामायण काल के ऐसे प्रमुख हथियारों के बारे में, जिनकी तुलना आज के शक्तिशाली और विनाशकारी परमाणु हथियारों, रॉकेट और मिसाइलों से की जाती है।
ब्रह्मास्त्र: कई जगहों पर वर्णन मिलता है कि रामायण काल या त्रेता युग में ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया जाता था। यह ऐसा हथियार था, जिसका इस्तेमाल जीवन में एक बार ही किया जा सकता था। ब्रह्मास्त्र की तुलना आज के ब्रह्मोस मिसाइल और परमाणु बम से की जाती है। त्रेता युग में यह अस्त्र विभीषण और लक्ष्मण के पास था। वहीं द्वापर या महाभारत में ब्रह्मास्त्र आचार्य द्रोणाचार्य, अश्वत्थामा, कृष्ण, कुवलाश्व, कर्ण और अर्जुन के पास था।
गंधर्वास्त्र: गंधर्वास्त्र का प्रयोग 14 हजार राक्षसों को मारने के लिए किया गया था। गंधर्वास्त्र के बारे में सिर्फ रावण ही जानता था। लेकिन भगवान राम ने इस अस्त्र को निष्प्रभावी कर दिया था। इस अस्त्र के कारण राक्षसों को हर जगह सिर्फ राम ही नजर आने लगे और वे एक-दूसरे को मारने लगे।
प्रसवन: इस अस्त्र का प्रयोग भगवान राम ने रावण को मारने के लिए किया था। रावण को अमरता का वरदान प्राप्त था और अमृत के कारण वह मर नहीं सकता था। रामजी ने इस अमृत को खत्म करने के लिए प्रसवन अस्त्र का प्रयोग किया ताकि रावण का वध हो सके। विभीषण ने भगवान राम को इस अस्त्र के बारे में बताया था।
मानवस्त्र: भगवान राम ने मानवस्त्र का प्रयोग मारीच पर किया था। आपको बता दें कि मारीच ने सोने के हिरण का रूप धारण करके सीता का अपहरण करने में रावण की मदद की थी।
लक्ष्मण के पास कई तरह के हथियार थे, जिनका इस्तेमाल उन्होंने मेघनाद पर हमला करने के लिए किया-
वरुणास्त्र
सौराष्ट्रास्त्र
महेश्वर
इंद्रास्त्र
नागपाश