हर-की-पौड़ी, हरिद्वार के सर्वाधिक पवित्र एवं प्रसिद्ध स्थल के रूप में जाना जाता है. यह वह स्थान है जहां पवित्र गंगा नदी पहाड़ों को छोड़ने के बाद मैदानों में प्रवेश करती है. इस स्थान से संबंधित कई मिथकों में से एक यह है कि वैदिक समय के दौरान भगवान विष्णु एवं शिव यहां प्रकट हुए थे.
हरिद्वार से 24 किलोमीटर दूर स्थित है ऋषिकेश. यही पर गंगा नदी पहाड़ों को छोड़ कर मैदानी भाग में आती है. यहां के मंदिर और आश्रम दुनिया भर में मशहूर है. इस धार्मिक शहर का वर्णन पुराणों में कई जगह मिलता है.
हरिद्वार से 25 किमी उत्तर में और देहरादून से 43 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित ऋषिकेश यूं तो लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट के अलावा कई आकर्षण केंद्रों से भरा है, लेकिन इनमें नीलकंठ महादेव का अलग ही महत्व है. यह ऋषिकेश के लगभग 5500 फीट की ऊंचाई पर स्वर्ग आश्रम की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है.
गयासुर की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ब्रह्म ने उन्हें वर दिया था कि उनकी मृत्यु संसार में जन्म लेने वाले किसी भी व्यक्ति के हाथों नहीं होगी लेकिन वर मिलते ही गयासुर अत्याचारी हो गया. इसके बाद गयासुर भगवान नारायण को खोजने लगा. जब नारायण नहीं मिले तो गयासुर उनका कमलासन लेकर उड़ने लगा. जिसके बाद गयासुर और नारायण में युद्ध हुआ. जिस जगह भगवान ने गयासुर को रोका वो जगह गया के नाम से प्रसिद्ध हो गई.