दिल्ली के हृदय कनॉट प्लेस में महाभारत काल से श्री हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है. यहाँ पर उपस्थित हनुमान जी स्वयंभू हैं. बालचन्द्र अंकित शिखर वाला यह मंदिर आस्था का महान केंद्र है.
राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक में बना गौरी शंकर मंदिर लगभग 800 साल पुराना मंदिर है. यह मंदिर भारत के शैव सम्प्रदाय के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. भगवान शिव के मंदिर में जो कोई भी सच्चे मन से जाता है उसकी मनोकामना जरुर पूरी होती है.
छत्तीसगढ़ में आलोर, फरसगांव स्थित एक ऐसा दरबार है, जहां का दरवाजा साल में एक ही बार खुलता है, यह है लिंगेश्वरी माता का मंदिर. इस मंदिर का पट खुलते ही पांच व्यक्ति रेत पर अंकित निशान देखकर भविष्य में घटने वाली घटनाओं की जानकारी देते हैं.
यूं तो अमृतसर मुख्य रूप से स्वर्ण मंदिर के लिए मशहूर है, पर इधर बड़ा हनुमान मंदिर भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. यहां हर साल लंगूरों का मेला लगता है और यहां देश और विदेश से बच्चे लंगूर बनने के लिए आते हैं
सिद्धिविनायक गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है. गणेश जी जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्धिविनायक मंदिर कहलाते हैं.
देश में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं. उन्हीं में से एक प्रमुख है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर. विश्व प्रसिद्ध इस शनि मंदिर की विशेषता यह है कि यहां स्थित शनिदेव की पाषाण प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है
मानसरोवर झील देश की पवित्र झीलों में से एक झील मानी जाती है जिसके दर्शन के लिए देश के कौने-कौने से ऋद्धालु पहुंचते है. माना जाता है कि यह झील भगवान ब्रह्मा के मन से जुड़ी हुई है संस्कृत शब्द मानसरोवर, मानस तथा सरोवर को मिल कर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है - मन का सरोवर.
हिंदुओं के लिए कैलाश मानसरोवर का मतलब भगवान का साक्षात दर्शन करना है. कैलाश मानसरोवर को ब्रह्मांड का केंद्र माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पहाड़ों की चोटी वास्तव में सोने के बने कमल के फूल की पंखुड़ियां हैं जिन्हें भगवान विष्णु ने सृष्टि की संरचना में सबसे पहले बनाया था. इन पंखुड़ियों के शिखरों में से एक है कैलाश पर्वत.
शिव की नगरी काशी में महादेव साक्षात वास करते हैं. यहां बाबा विश्वनाथ के दो मंदिर बेहद खास हैं. पहला विश्वनाथ मंदिर जो 12 ज्योतिर्लिंगों में नौवां स्थान रखता है, वहीं दूसरा जिसे नया विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है. यह मंदिर काशी विश्वविद्यालय के प्रांगण में स्थित है.
हरिद्वार में मां दक्षिण काली कलियुग की कल्याणकारी शक्ति हैं जो शत्रुओं से सावधान कर काल की गति को भी बदल देती हैं. सिद्धपीठ की साधना व्यक्ति को समृद्धिशाली और सुखी जीवन प्रदान करती है.