Surya Grahan 2025: वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को शनि के नक्षत्र उत्तराभाद्रपद में घटित होगा। भारतीय समय अनुसार यह ग्रहण 29 मार्च के दोपहर में 2:20 से शुरू होगा और शाम 6:14 पर ख़तम होगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देने वाला। ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रहण विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि शनि के नक्षत्र में लगने वाला सूर्य ग्रहण गहरे और दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। शनि का नक्षत्र संघर्ष, स्थिरता और दूरगामी परिणामों का प्रतीक होता है, जबकि सूर्य आत्मविश्वास, शक्ति और जीवन की दिशा को प्रभावित करता है। ऐसे में इस ग्रहण का असर न केवल व्यक्तिगत जीवन और आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा, बल्कि राजनीति और वैश्विक घटनाओं पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

जीवन पर प्रभाव

भारत में 29 मार्च को दोपहर 2:20 बजे से शुरू होने वाला सूर्य ग्रहण धैर्य और संयम की परीक्षा ले सकता है। शनि के नक्षत्र में होने के कारण यह समय संघर्ष और चुनौतियों से भरा हो सकता है। हालांकि, यह आत्मनिर्भरता, अनुशासन और स्थिरता को प्रोत्साहित करने का अवसर भी प्रदान करेगा।

आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

शनि का प्रभाव आर्थिक अस्थिरता और वित्तीय चुनौतियां ला सकता है। इस दौरान निवेश, व्यापार और आर्थिक फैसलों को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। अचानक वित्तीय उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं, इसलिए जोखिम भरे निर्णय लेने से बचना उचित रहेगा। हालांकि, यह ग्रहण दीर्घकालिक निवेश और योजनाओं के लिए अनुकूल हो सकता है, क्योंकि शनि स्थिरता का प्रतीक है। जो लोग लंबी अवधि की आर्थिक योजनाएं बना रहे हैं, उन्हें इसका लाभ मिल सकता है।

वैश्विक प्रभाव

ग्रहण के दौरान प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ सकता है, जैसे भूकंप, बाढ़, सूखा या तूफान। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां मौसम पहले से अस्थिर है, वहां संकट की संभावना अधिक हो सकती है। इसके अलावा, हिंदू नववर्ष शुरू हो रहा है, और उससे ठीक पहले सूर्य ग्रहण का लगना शुभ संकेत नहीं माना जाता। इसके कारण आपदाओं के साथ-साथ जनजीवन भी प्रभावित हो सकता है।

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