हरिद्वार से 25 किमी उत्तर में और देहरादून से 43 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित ऋषिकेश यूं तो लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट के अलावा कई आकर्षण केंद्रों से भरा है, लेकिन इनमें नीलकंठ महादेव का अलग ही महत्व है. यह ऋषिकेश के लगभग 5500 फीट की ऊंचाई पर स्वर्ग आश्रम की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है.
ऋषिकेश. हरिद्वार से 25 किमी उत्तर में और देहरादून से 43 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित ऋषिकेश यूं तो लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट के अलावा कई आकर्षण केंद्रों से भरा है, लेकिन इनमें नीलकंठ महादेव का अलग ही महत्व है. यह ऋषिकेश के लगभग 5500 फीट की ऊंचाई पर स्वर्ग आश्रम की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है.
कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया गया था. विषपान के बाद विष के प्रभाव के से उनका गला नीला पड़ गया था और उन्हें नीलकंठ नाम से जाना गया था. मंदिर परिसर में पानी का एक झरना है जहां भक्तगण मंदिर के दर्शन करने से पहले स्थान करते हैं.
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