नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक में बना गौरी शंकर मंदिर लगभग 800 साल पुराना मंदिर है. यह मंदिर भारत के शैव सम्प्रदाय के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. भगवान शिव के मंदिर में जो कोई भी सच्चे मन से जाता है उसकी मनोकामना जरुर पूरी होती है.
जानकारी के अनुसार इस मंदिर का इतिहास अनूठा है जिसमें एक लड़ाई के दौरान यह सैनिक घायल हो गया था, उसने ईश्वर से ठीक करने की प्रार्थना की और ठीक होने के पश्चात मंदिर बनवाने की पेशकश की, इसके बाद वह घायल सैनिक गंभीर चोटों से उभर गया और बच गया. चमत्कारिक ढंग से, सभी बाधाओं के बावजूद बचने के बाद उसने चांदनी चौक में मंदिर का निर्माण करवाया.
यह मंदिर 1761 में बनाया गया था. आपा गंगा धर का नाम, मंदिर की छत के पिरामिड के निचले हिस्से में खुदा हुआ है. हालांकि, 1959 में इस मंदिर को सेठ जयपुरा के द्वारा पुनर्निर्मित करवाया गया था, इसी कारण मंदिर की खिड़कियों पर उनका नाम भी खुदा हुआ है.
इंडिया न्यूज के खास शो ‘धर्म चक्र’ में चांदनी चौक के गौरी शंकर मंदिर की उन बातों को जानिए जिनके बारे में आपने पहले कभी सुना नहीं होगा.
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