नई दिल्ली, JKLF चीफ यासीन मलिक को दिल्ली की NIA कोर्ट ने बुधवार को उम्रकैद की सज़ा सुना दी है, साथ ही कोर्ट ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिए गए कश्मीर के अलगाववादी नेता मलिक को लेकर NIA ने कोर्ट से मलिक को […]
नई दिल्ली, JKLF चीफ यासीन मलिक को दिल्ली की NIA कोर्ट ने बुधवार को उम्रकैद की सज़ा सुना दी है, साथ ही कोर्ट ने मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिए गए कश्मीर के अलगाववादी नेता मलिक को लेकर NIA ने कोर्ट से मलिक को फांसी की सज़ा सुनाने की मांग की थी. भारत में यासीन मलिक को सजा दिए जाने के खिलाफ पूरा पाकिस्तान एकजुट दिख रहा है. पाकिस्तान की रहने वाली मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक भी अपने पति के लिए पाकिस्तान के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील कर रही है कि उनके पति को बचाया जाए क्योंकि वो निर्दोष हैं उन्होंने कोई गुनाह नहीं किया है.
यासीन मलिक की सज़ा के ऐलान के बाद उनकी पत्नी लगातार पाकिस्तानी नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपने पति को बचाने की अपील कर रही हैं, उनका कहना है कि भारत की भाजपा सरकार उनके पति को सजा देकर हिंदुत्व की राजनीति के जरिए अपना वोट बैंक बढ़ाना चाहती है.
उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘#ReleaseYasinMalik भारत की भाजपा सरकार मेरे पति यासीन मलिक को अपने हिंदुत्व फासीवादी वोट बैंक को बढ़ाने के लिए और जम्मू-कश्मीर के लोगों से उनका नेता छीनने के लिए सज़ा दे रही है. भारत को इन जैसे लोगों की राजनीति समाप्त करनी चाहिए.’
स्पेशल जज ने यासीन पर आईपीसी धारा 120 बी के तहत यासीन मलिक को 10 साल की सज़ा सुनाते हुए 10 हजार जुर्माना लगाया है. वहीं, धारा 121ए के तहत यासीन मलिक को 10 साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है. इसी के तहत, 17UAPA के तहत मलिक को आजीवन कारावास और 10 लाख जुर्माना लगाया गयाा है. UAPA की धारा 13 के तहत मलिक को 5 साल की सजा, UAPA की धारा15 के तहत 10 साल की सजा, UAPA की धारा 18 के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना, UAPA की धारा 38 और 39 के तहत 5 साल 5 हजार जुर्माना लगाया गया है.
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