अपहरण के मामले में कब मिलती है उम्रकैद? अतीक के उदाहरण से समझे

लखनऊ: प्रयागराज में 44 साल तक अपने खौफ को क़याम करने वाले अतीक अहमद अब जेल के पिंजरे में बंद है। बीते दिनों उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद की सुनवाई हुई थी। प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने अतीक अहमद को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। यह उमेश पाल […]

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अपहरण के मामले में कब मिलती है उम्रकैद? अतीक के उदाहरण से समझे

Amisha Singh

  • March 30, 2023 10:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: प्रयागराज में 44 साल तक अपने खौफ को क़याम करने वाले अतीक अहमद अब जेल के पिंजरे में बंद है। बीते दिनों उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद की सुनवाई हुई थी। प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने अतीक अहमद को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। यह उमेश पाल वही शख्स है जिसे फरवरी में सरेआम मौत के घाट उतार दिया गया था।

 

कहा जाता है कि साल 2005 में अतीक अहमद ने ही राजू पाल का क़त्ल करवाया था। राजू पाल के क़त्ल के मामले में उमेश पाल इकलौता गवाह था। अतीक पर इस मामले में 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। लेकिन पाल परिवार के जख्म अभी हरे हैं, लेकिन एक चक्र बंद हो गया है। अतीक का रौला जमीन में मिल गया। खचाखच भरे कोर्ट में उनके खिलाफ नारेबाजी की गई।

 

➨ 28 मार्च ही वो दिन था….

आपको बता दें, अतीक की शुरुआत ही खराब रही। एक महीने पहले अतीक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अतीक ने कहा कि उसे और उसके परिवार को उमेश पाल हत्याकांड में गलत तरीके से फंसाया गया है। साथ ही अगर उसे वापस प्रयागराज लाया जाता है, तो उसे यूपी पुलिस मॉक एनकाउंटर में मार सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को तवज्जो नहीं दी। और उसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए कहा।

 

➨ अपहरण मामले की थी सुनवाई

28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के बाद सबकी निगाहें प्रयागराज पर टिकी थी। दोपहर में जब अतीक की सजा का ऐलान हुआ तो कई लोग असमंजस में थे कि कहीं यह मामला उमेश पाल हत्याकांड से तो नहीं जुड़ा है। लेकिन जैसा आपको बताया गया….. यह मामला फरवरी, 2006 का है। माफिया अतीक अहमद ने 17 साल पहले उमेश पाल का अपहरण किया था। इस मामले में उमेश पाल ने पुलिस को जानकारी दी थी। उमेश पाल ने अतीक अहमद पर सीधा इल्ज़ाम लगाया था और कहा था कि साल 2006 में अतीक ने ही कुछ लोगों के साथ मिलकर उसका अपहरण किया था।

 

➨ मामला पंहुचा MP-MLA कोर्ट

चूंकि अतीक जनप्रतिनिधि रह चुके हैं, इसलिए मामला MP-MLA कोर्ट में चला गया। अतीक के साथ उसके दो साथियों दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को भी दोषी ठहराया गया था। मामले में कुल 11 आरोपी थे, जिनमें से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद दस बचे थे। अतीक के छोटे भाई अशरफ का भी नाम था, लेकिन अदालत ने उसे और बाकी के छह आरोपियों को बरी कर दिया। लेकिन… जब उम्रकैद की खबर आई तो कई लोगों के मन में सवाल था कि अपहरण के मामले में आमतौर पर 7 साल की कैद या जुर्माने की सजा दी जाती है। तो फिर अतीक को उम्रकैद कैसे हुई? आइए आपको बताते हैं:

➨ IPC (Indian Penal Code) में अपहरण, गुलामी और जबरन मजदूरी से जुड़ी कुल 21 धाराएं हैं।

अपहरण,
न्यायिक संरक्षण में किया गया किडनैपिंग ,
जान से मारने की नीयत से अपहरण
बच्चे (नाबालिग) के अपहरण समेत सभी अपराधों के लिए अलग-अलग धाराएं हैं।

 

➨ इस वजह से हुई उम्रकैद

अतीक को IPC (Indian Penal Code) की धारा 364 (ए) के तहत दंडित किया गया था। 364(ए) का मतलब फिरौती के लिए किडनैपिंग है। इसका अर्थ अपहरण के बाद किसी व्यक्ति को हिरासत में रखना, उसे चोट पहुंचाने या जान से मारने की धमकी देना है। ऐसे मामलों में यह धारा लगाई जाती है। इस धारा में मृत्युदंड, उम्रकैद और जुर्माना का प्रावधान है। इसलिए अतीक के मामले में ऐसा फैसला किया गया।

 

➨ हाईकोर्ट से मांग सकता है जमानत

आपको बता दें, अतीक चाहे तो हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दे सकता है। हालांकि, जिस धारा में इसे सज़ा दी गई थी, वह सबसे गंभीर अपराधों की सूची में शामिल है। लिहाजा अतीक का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है। इसलिए हाईकोर्ट जमानत पर विचार करते समय इन बातों पर जरूर ध्यान देगा। यह तो तय है कि अतीक के लिए जेल से बाहर निकलना मुश्किल होगा।

 

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