UP Crime: जिस दोस्त के साथ पी शराब उसी को उतारा मौत के घाट

लखनऊ: आए दिन उत्तर प्रदेश से हैरान कर देने वाली वारदात सामने आती रहती है. इसी क्रम में यूपी के लखीमपुर खीरी से ऐसा मामला सामने आया है जिसने अब दोस्ती को शर्मशार कर दिया है. जहां दो दोस्तों ने पहले तो साथ में बैठकर शराब पी जिसके बाद नशे की हालात में एक दोस्त […]

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UP Crime: जिस दोस्त के साथ पी शराब उसी को उतारा मौत के घाट

Riya Kumari

  • July 3, 2023 8:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ: आए दिन उत्तर प्रदेश से हैरान कर देने वाली वारदात सामने आती रहती है. इसी क्रम में यूपी के लखीमपुर खीरी से ऐसा मामला सामने आया है जिसने अब दोस्ती को शर्मशार कर दिया है. जहां दो दोस्तों ने पहले तो साथ में बैठकर शराब पी जिसके बाद नशे की हालात में एक दोस्त ने दूसरे की हत्या कर दी. हैरान कर देने वाली बात ये है कि हत्या को अंजाम देने वाले युवक ने अपने घर पहुंचकर खुद अपने परिजनों को इस बात की सूचना दी.

दोनों में थी गहरी दोस्ती

लखीमपुर खीरी में हुई इस वारदात में दोनों दोस्तों ने पहले खुद ही बैठकर शराब पी जिसके बाद एक दोस्त ने दूसरे की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी. इस वारदात को अंजाम देने बाद युवक अपने घर पहुंचा जहां उसने अपने परिजनों को सारी वारदात की जानकारी दी. इसके बाद परिजनों ने बिना किसी देरी के पुलिस को सूचना दी जहां पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बरामद किया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. आरोपी दोस्त को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है जिससे इस पूरी वारदात को लेकर पूछताछ की जा रही है.

विवाद और फिर वार

ये पूरा मामला मैगलगंज थाना क्षेत्र के बेहड़ा जोरावर गांव से सामने आया है जहां भानू और मुंशीलाल की बहुत अच्छी दोस्ती थी. बीते रविवार को दोनों ने साथ में शराब पीने का प्लान बनाया. जिसके बाद नशे की हालत में दोनों के बीच विवाद हो गया. कहासुनी से शुरू हुआ ये विवाद हाथापाई पर पहुंच गया जिसके बाद गुस्से में बौराए मुंशीलाल ने अचानक भानू की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी. अपने ही दोस्त की हत्या करने के बाद वह अपने घर पहुंचा जहां उसने अपने परिजनों को पूरी सच्चाई बता दी.

इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्ज़े में लिया. मुंशीलाल को गिरफ्तार कर लिया गया है जहां भानू के घर में शोक की लहर है. गांव के लोगों ने बताया है कि दोनों के बीच काफी गहरी दोस्ती थी. ऐसे में मुंशीलाल ने ऐसा कदम क्यों उठाया किसी को समझ नहीं आ रहा है.

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