कोलकाता, तीन बार बेचे जाने और कई बार बलात्कार के गंभीर आघात से उबर कर पश्चिम बंगाल की एक पीड़ित युवती ने अब एक कॉलेज की छात्र के रूप में अपने जीवन की नई शुरुआत की है. एक किशोरी के रूप में, उसे चार महीने के अंदर विभिन्न राज्यों में मानव तस्करों द्वारा बेच दिया गया, इस दौरान कई बार उसका बलात्कार किया गया और तो और उसकी तीस साल बड़े शख्स से शादी भी कर दी गई थी. उत्तर 24 परगना जिले की एक पॉक्सो अदालत ने हाल ही में इस मामले में चार लोगों को 20 साल और दो अन्य को 10 साल की सजा सुनाई है. सीआईडी अधिकारियों ने एक महिला और पीड़िता के “प्रेमी” राहुल सहित छह आरोपियों को बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था और वहीं से पीड़िता को छुड़ाया भी गया था.
अपनी बेटी की वापसी पर उसके पिता बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा, भगवान की कृपा से, हमें अपनी आज वापस मिल गई है, अब जो हुआ सो हुआ. हमें खुशी है कि उसकी दुर्दशा के लिए जिम्मेदार लोगों को सज़ा दी गई है.
राज्य सीआईडी की मानव तस्करी रोधी इकाई के अधिकारी ने कहा, “पीड़िता की दुर्दशा की शुरुआत सात साल पहले शुरू हुई थी, जब एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसने एक अनजान व्यक्ति से बातचीत शुरू की थी और उससे प्यार कर बैठी. फिर नए जीवन की तलाश में स्कूल जाने के बहाने घर से भाग गई थी. 7 जनवरी, 2015 को, वह कोलकाता में साइंस सिटी के पास उस व्यक्ति से मिली और वह उसे बिहार जाने के लिए बस पकड़ने के लिए 10 किलोमीटर दूर बाबूघाट ले गया, जांच में पता चला कि राहुल ने 15 साल की लड़की को जल्दी लौटने का वादा करके बस के अंदर ही छोड़ दिया लेकिन वह कभी लौट कर ही नहीं आया. बाद में पता चला कि उसने उसे 1.5 लाख रुपये में बेच दिया था.”
राहुल का दोस्त होने का दावा करने वाला एक शख्स उसे बस से हावड़ा स्टेशन ले गया और फिर ट्रेन से उसे बिहार ले पहुंचा. और फिर से उसे कमल नाम के एक अन्य व्यक्ति को बेच दिया गया, जो नाबालिग को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक महिला चित्रा के पास ले गया. चित्रा, पीड़िता को खरीदने वाली तीसरी व्यक्ति है, चित्र ने पीड़िता की जबरन उसके 45 वर्षीय भाई से “शादी” कर दी, जिसने उसे एक महीने बाद बिजनौर की महिला के साथ छोड़ दिया. फिर चित्रा के बेटे ने लड़की के साथ बलात्कार करना शुरू किया. अधिकारी ने कहा, इस दौरान पीड़िता ने चित्रा के मोबाइल का इस्तेमाल कर अपने घरवालों को इस बारे में सूचित कर दिया था.
पीड़िता के कॉल के बाद जब उसे ट्रेस किया गया तो उसकी लोकेशन बिहार की पाई गई. बिहार में “बॉयफ्रेंड” को भी गिरफ्तार किया गया थी, चित्रा डर गई और कमल को पीड़िता को ले जाने को कहा. सीआईडी अधिकारी ने कहा कि कमल और उनके सहयोगी भीष्म उसे उत्तराखंड के काशीपुर ले आए, जब दोनों को चित्रा और उसके बेटे की गिरफ्तारी का पता चला तो वे भड़क गए और पीड़िता के साथ कई बार बलात्कार किया और उसे काशीपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर छोड़कर भाग गए. सीआईडी अधिकारी ने पीड़िता को इसी रेलवे स्टेशन से बचाया था. वे उसे वापस उसके घर ले आये. घर आकर पीड़िता टूट गई थी और सदमे में चली गई थी, उसकी हालत इतनी खराब थी कि उसे एक मनोवैज्ञानिक के पास ले जाना पड़ा। अब सालों बाद वो ठीक हुई है और उसने अपनी ज़िंदगी एक नए सिरे से शुरू की है.
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