नई दिल्ली. श्रद्धा हत्याकांड ने हर किसी को चौंका दिया है, इस मामले में रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं. अब तक इस मामले में दिल्ली पुलिस को महरौली के जंगल में जो हड्डियां मिली हैं वो श्रद्धा के शरीर के पिछले हिस्से की बताई जा रही हैं. रीड की हड्डी समेत जंगल से अबतक […]
नई दिल्ली. श्रद्धा हत्याकांड ने हर किसी को चौंका दिया है, इस मामले में रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं. अब तक इस मामले में दिल्ली पुलिस को महरौली के जंगल में जो हड्डियां मिली हैं वो श्रद्धा के शरीर के पिछले हिस्से की बताई जा रही हैं. रीड की हड्डी समेत जंगल से अबतक ऐसे करीब 10 बॉडी पार्ट्स मिल चुके हैं. इसके अलावा कुछ हड्डियां नाले से भी बरामद हुई हैं, दिल्ली पुलिस को रीढ़ की हड्डी के नीचे का हिस्सा समेत शरीर के 10 पार्ट्स मिल चुके हैं. इसके साथ ही पुलिस को फ्लैट के किचन में खून के धब्बे भी मिले हैं, जिनके सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया है ताकि ये पता लगाया जा सके कि ये खून के धब्बे किसके हैं.
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, आफताब ने फ्रिज को केमिकल से अच्छे से साफ किया था ताकि पकड़े जाने पर अगर फोरेंसिक जांच की गई तो गच्चा दिया जा सके. दिल्ली पुलिस श्रद्धा के पिता को जल्द ही DNA सेंपल के लिए बुलाने वाली है जिसके बाद उनके ब्लड सैंपल को और हड्डियों के सैंपल को FLS को भेजा जाएगा, जिसके बाद FSL DNA जांच की जाएगी.
दिल्ली में श्रद्धा मर्डर केस में बुरी तरह से उलझी दिल्ली पुलिस अब आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट करवाने वाली है, इसके लिए दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मंजूरी दे दी है और अब आरोपी का नार्को टेस्ट किया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने शनिवार को ही इसके लिए कोर्ट में अर्जी लगा दी थी, इसके बाद पुलिस अब गुरुवार को लाई डिटेक्टर कराने के लिए भी अर्जी दाखिल करने वाली है, अब अगर कोर्ट इसकी इजाज़त दे देता है तो गुरुवार की रात में ही आरोपी को लाई डिटेक्टर के लिए ले जाया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने यह फैसला आरोपी द्वारा गुमराह किए जाने की आशंका के मद्देनजर लिया है. आरोपी आफताब फिलहाल पांच दिन के पुलिस रिमांड पर है और पुलिस आरोपी आफ़ताब के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा सबूत एकत्रित करने में जुटी है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक आरोपी आफ़ताब को पुलिस रिमांड में तीन दिन का समय निकल चुका है. इस दौरान आरोपी की निशानदेही पर तीन बार क्राइम सीन भी हो चुका है, लेकिन अभी भी आरोपी के कबूलनामे को साबित करने वाले पर्याप्त सबूत पुलिस के पास नहीं है. पुलिस के पास इस वारदात की मौखिक कहानी तो है, लेकिन इस मौखिक कहानी को सच साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. ऐसे हालात में पुलिस के पास अब साक्ष्य जुटाने के लिए इलेक्ट्रानिक सर्विलांस और वैज्ञानिक परीक्षण ही एकमात्र रास्ता है, ऐसे पुलिस को कोर्ट से नार्को टेस्ट की तो मंजूरी मिल गई है लेकिन अब कोर्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट की मंजूरी का इंतज़ार है.
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