आफताब ने लाश ठिकाने लगाने के लिए क्यों खरीदी टॉर्च और क्यों कुछ ही अंग जलाए ?

नई दिल्ली. श्रद्धा विकास वॉकर मर्डर केस में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, दरअसल छह महीने पहले आरोपी आफताब ने अपनी गर्लफ्रेंड की बेरहमी से हत्या कर दी थी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे. वो उन टुकड़ों को फ्रिज में रखता था और रोज़ जंगल में तीन-चार टुकड़े फेंकने के […]

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आफताब ने लाश ठिकाने लगाने के लिए क्यों खरीदी टॉर्च और क्यों कुछ ही अंग जलाए ?

Aanchal Pandey

  • November 15, 2022 8:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. श्रद्धा विकास वॉकर मर्डर केस में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, दरअसल छह महीने पहले आरोपी आफताब ने अपनी गर्लफ्रेंड की बेरहमी से हत्या कर दी थी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे. वो उन टुकड़ों को फ्रिज में रखता था और रोज़ जंगल में तीन-चार टुकड़े फेंकने के लिए जाता था. अब जाकर इस केस का खुलासा हुआ है. ऐसे में अब एक ऐसी बात सामने आई है, जिसे अगर श्रद्धा ने मान लिया होता तो शायद आज वो इस दुनिया में होती. ये बात खुद श्रद्धा के पिता ने बताई है. उन्होंने उस दिन के बारे में भी बताया है, जब आफताब के लिए श्रद्धा ने अपना माता-पिता को ठुकरा दिया था. वहीं, श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण ने इस बारे में बहुत सी बातें बताई हैं-

श्रद्धा के दोस्त ने खोले राज़

श्रद्धा ने बॉयफ्रेंड आफताब के व्यवहार के बारे में लक्ष्मण को बहुत कुछ बताया था, लेकिन, बाद में उसने लक्ष्मण के मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया था. कई दिनों तक लक्ष्मण का संपर्क श्रद्धा से नहीं हो सका था तब उसे शक हुआ कि कुछ तो गलत है इसके बाद उसने श्रद्धा के पिता को सारी बात बताई और फिर ये मामला पुलिस तक पहुंचा, तब जाकर श्रद्धा हत्याकांड का खुलासा हुआ.

आफ़ताब ने खरीदी ख़ास टॉर्च

पुलिस की जांच में पता चला है कि श्रद्धा की लाश के विशेष अंगों को जलाने के लिए आरोपी ने एक विशेष किस्म की टॉर्च खरीदी थी. जो इंसान के अंगों को जलाकर नष्ट तो कर देती है लेकिन इस टॉर्च से आग नहीं निकलती है इसीलिए आरोपी ने श्रद्धा का क़त्ल करने के लिए इस टॉर्च को चुना था.

पहले चेहरा जलाया फिर प्राइवेट पार्ट

दक्षिण दिल्ली जिला पुलिस की ही मानें तो, आरोपी ने सबसे पहले कत्ल की जा चुकी प्रेमिका श्रद्धा का चेहरा जलाने की कोशिश की थी ताकि अगर इस मामले की जांच भी की जाए तो पुलिस को ये पता चल ही न पाए कि ये श्रद्धा है. आरोपी को लगा कि अगर लाश की पहचान नहीं होती, तो आरोपी तक पुलिस का पहुंचना ना-मुमकिन हो जाता. उसने लाश की इतनी बुरी हालत कर दी जिससे लड़की की लाश को देखकर कोई यह अंदाजा न लगा सकता कि, वो स्त्री की लाश है या पुरुष की, इसलिए आरोपी ने श्रद्धा के जननांगों को इसी टॉर्च की मदद से जला दिया था, जिससे कोई भी उसका पता न लगा सके.

 

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