नई दिल्ली. दिल्ली में श्रद्धा मर्डर केस में बुरी तरह से उलझी दिल्ली पुलिस अब आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट करवाने वाली है, इसके लिए दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मंजूरी दे दी है और अब आरोपी का नार्को टेस्ट किया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने शनिवार को ही इसके लिए कोर्ट में अर्जी लगा दी […]
नई दिल्ली. दिल्ली में श्रद्धा मर्डर केस में बुरी तरह से उलझी दिल्ली पुलिस अब आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट करवाने वाली है, इसके लिए दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मंजूरी दे दी है और अब आरोपी का नार्को टेस्ट किया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने शनिवार को ही इसके लिए कोर्ट में अर्जी लगा दी थी, इसके बाद पुलिस अब गुरुवार को लाई डिटेक्टर कराने के लिए भी अर्जी दाखिल करने वाली है, अब अगर कोर्ट इसकी इजाज़त दे देता है तो गुरुवार की रात में ही आरोपी को लाई डिटेक्टर के लिए ले जाया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने यह फैसला आरोपी द्वारा गुमराह किए जाने की आशंका के मद्देनजर लिया है. आरोपी आफताब फिलहाल पांच दिन के पुलिस रिमांड पर है और पुलिस आरोपी आफ़ताब के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा सबूत एकत्रित करने में जुटी है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक आरोपी आफ़ताब को पुलिस रिमांड में तीन दिन का समय निकल चुका है. इस दौरान आरोपी की निशानदेही पर तीन बार क्राइम सीन भी हो चुका है, लेकिन अभी भी आरोपी के कबूलनामे को साबित करने वाले पर्याप्त सबूत पुलिस के पास नहीं है. पुलिस के पास इस वारदात की मौखिक कहानी तो है, लेकिन इस मौखिक कहानी को सच साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. ऐसे हालात में पुलिस के पास अब साक्ष्य जुटाने के लिए इलेक्ट्रानिक सर्विलांस और वैज्ञानिक परीक्षण ही एकमात्र रास्ता है, ऐसे पुलिस को कोर्ट से नार्को टेस्ट की तो मंजूरी मिल गई है लेकिन अब कोर्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट की मंजूरी का इंतज़ार है.
पुलिस की जांच में पता चला है कि श्रद्धा की लाश के विशेष अंगों को जलाने के लिए आरोपी ने एक विशेष किस्म की टॉर्च खरीदी थी. जो इंसान के अंगों को जलाकर नष्ट तो कर देती है लेकिन इस टॉर्च से आग नहीं निकलती है इसीलिए आरोपी ने श्रद्धा का क़त्ल करने के लिए इस टॉर्च को चुना था.
दक्षिण दिल्ली जिला पुलिस की ही मानें तो, आरोपी ने सबसे पहले कत्ल की जा चुकी प्रेमिका श्रद्धा का चेहरा जलाने की कोशिश की थी ताकि अगर इस मामले की जांच भी की जाए तो पुलिस को ये पता चल ही न पाए कि ये श्रद्धा है. आरोपी को लगा कि अगर लाश की पहचान नहीं होती, तो आरोपी तक पुलिस का पहुंचना ना-मुमकिन हो जाता. उसने लाश की इतनी बुरी हालत कर दी जिससे लड़की की लाश को देखकर कोई यह अंदाजा न लगा सके कि, वो स्त्री की लाश है या पुरुष की, इसलिए आरोपी ने श्रद्धा के जननांगों को इसी टॉर्च की मदद से जला दिया था, जिससे कोई भी उसका पता न लगा सके.
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