नई दिल्ली: लखनऊ में एक पुजारी की हत्या का मामला सामने आया है। मृतक के बेटे का कहना है कि कुछ बदमाश उनके घर में लूट के इरादे से घुसे थे, और जब उनके पिता ने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने उन्हें मार डाला। इस मामले पर पुलिस का कहना है कि यह घटना लूट के बजाय संपत्ति विवाद का नतीजा हो सकती है। फिलहाल पुलिस इस घटना की हर एंगल से जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार यह घटना लखनऊ में बालागंज के हुसैनबाड़ी इलाके की बताई जा रही है। बुजुर्ग पुजारी के बेटे उमा शंकर शुक्ल ने बताया कि उनके (75) साल के पिता हरिशरण महाराज उर्फ रामशरण शुक्ल और मां उर्मिला के साथ दुबग्गा के मौरा खेड़ा स्थित शिव सिटी कॉलोनी में रहते थे। उन्होंने कहा कि उनका परिवार वह घरों में पूजा पाठ का काम करते था। उनके बगल में ही बहन रजनी भी रहती है। रविवार रात के दिन उनकी मां किसी काम से उनकी बहन के घर चली गई थी, इस दौरान उनके पिता घर में अकेले थे। इसी दौरान कुछ अज्ञात बदमाश घर में घुस आए। पुजारी के बेटे के अनुसार, बदमाशों का इरादा लूट का था, लेकिन जब उनके पिता ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने उन पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।
उमा शंकर शुक्ल ने बताया कि देर रात घर में घुसे अज्ञात बदमाशों ने उनके बुजुर्ग पिता के सिर पर धारदार हथियार से वार किया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मां उर्मिला चीख-पुकार सुनकर घर पहुंची तो वह बेसुध पड़े थे। पिता को तुरंत पुलिस की मदद से ट्रॉमा सेंटर ले गए। इस मामले को लेकर इंस्पेक्टर अभिनव वर्मा ने बताया कि मृतक के बेटे की तहरीर पर मारपीट का मुकदमा दर्ज किया गया है। मृतक के बेटे ने बताया कि बदमाश उनके घर से कीमती सामान और नकदी लेकर भागने की कोशिश कर रहे थे।
बेटे का दावा है कि यह पूरी घटना लूट के इरादे से अंजाम दी गई और उसके पिता को जान से हाथ धोना पड़ा क्योंकि उन्होंने बदमाशों का सामना करने का साहस किया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्या की धारा बढ़ा दी गई है। घर पर चोरी होने के साक्ष्य नहीं मिले है। संपत्ति और पारिवारिक विवाद सहित अन्य बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
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