पटना, पटना टेरर मॉडल केस में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, ये लोग एक खास समुदाय के लोगों को प्रशिक्षित कर रहे थे. इसके बाद एनआईए ने इस पूरे मामले की जांच भी शुरू कर दी है. इससे पहले पटना पुलिस ने फुलवाशरीफ से अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को […]
पटना, पटना टेरर मॉडल केस में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, ये लोग एक खास समुदाय के लोगों को प्रशिक्षित कर रहे थे. इसके बाद एनआईए ने इस पूरे मामले की जांच भी शुरू कर दी है. इससे पहले पटना पुलिस ने फुलवाशरीफ से अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया था, इनकी गिरफ्तारी के बाद अब मरगूब दानिश, अरमान मलिक और शब्बीर आलम को अरेस्ट किया गया है.
पटना पुलिस का दावा है कि खास समुदाय के लड़कों का ब्रेनवॉश करने के बाद उन्हें सिमी का सदस्य अतहर परवेज प्रशिक्षण दे रहा था.अतहर परवेज का भाई मंजर आलम पटना के गांधी मैदान में साल 2013 में पीएम मोदी की हुंकार रैली और बोध गया में हुए बम धमाकों के केस में गिरफ्तार हुआ था.
इस मामले में पुलिस ने पहले 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, गिरफ्तार किए गए दोनों कथित आतंकवादियों की पहचान हो गई है, इनमें से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा अतहर परवेज है. अतहर परवेज पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके के आरोपी मंजर का सगा भाई है. पुलिस ने बताया है कि दोनों संदिग्ध आतंकवादियों के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े हैं, पुलिस ने इन दोनों के पास से पीएफआई का झंडा, पंपलेट, बुकलेट और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं,इन दस्तावेज़ों में भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का जिक्र किया गया है.
पुलिस ने बताया है कि यह दोनों संदिग्ध आतंकवादी पिछले कुछ समय से पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में आतंक की पाठशाला चला रहे थे, पुलिस के मुताबिक अतहर परवेज मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर मोहम्मद जलालुद्दीन का एनजीओ संचालित कर रहा था. जानकारी के मुताबिक अतहर ने ₹16000 किराए पर मोहम्मद जलालुद्दीन के फुलवारीशरीफ स्थित अहमद पैलेस, नया टोला इलाके में फ्लैट लिया था जहां से वह इस देश विरोधी मुहिम को चला रहा था.
बताया जा रहा है कि अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन दोनों एनजीओ के नाम पर आतंक की मुहिम चला रहे थे और उनका मुख्य उद्देश्य था हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काना. मुस्लिम नौजवानों को यह दोनों अस्त्र-शास्त्र की ट्रेनिंग दिया करते थे और फिर राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला स्तर पर पीएफआई और एसडीपीआई के सक्रिय सदस्यों के साथ बैठकें कर योजना बनाते थे.
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