नई दिल्ली: श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस में एक बार फिर दिल दहला देने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल मर्डर केस की चार्जशीट में पुलिस ने एक बार फिर कई अहम पहलुओं पर प्रकाश डाला है. चार्जशीट के अनुसार हत्या करने के बाद हत्यारोपी आफताब अमीन पूनावाला ने मृतका की लाश के छोटे-छोटे टुकड़े किए थे. […]
नई दिल्ली: श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस में एक बार फिर दिल दहला देने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल मर्डर केस की चार्जशीट में पुलिस ने एक बार फिर कई अहम पहलुओं पर प्रकाश डाला है. चार्जशीट के अनुसार हत्या करने के बाद हत्यारोपी आफताब अमीन पूनावाला ने मृतका की लाश के छोटे-छोटे टुकड़े किए थे.
दरअसल आफताब के कबूलनामे पर नजर डाले तो पता चलता है कि आरोपी ने कत्ल के तीन-चार महीने बाद श्रद्धा के चेहरे को बिगाड़ने की कोशिश की थी. और उसी के बाद धड़ को ठिकाने लगाया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चार्जशीट की कॉपी में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का पूरा कबूलनामा भी मौजूद है. इसमें आफताब ने बताया है कि कैसे उसने श्रद्धा का क़त्ल करने के तीन-चार महीने बाद सके चेहरे और सिर के बालों को जलाया. इसके लिए उसने ब्लो टॉर्च का इस्तेमाल किया. वह श्रद्धा के चेहरे को बिगाड़ना चाहता था ताकी पुलिस उसे आसानी से पहचान ना पाए. आफताब के कबूलनामें में कहा गया है कि उसने मर्डर के बाद श्रद्धा के सिर, धड़ और दूसरे बचे हुए लाश के टुकड़ों को छतरपुर के जंगल में फेंका था.
चार्जशीट में बताया गया है कि कत्ल की वारदात को अंजाम देने के बाद श्रद्धा के मोबाइल फोन में उसका इंस्टाग्राम (Instagram) अकाउंट लॉग इन था. इसके बाद आफताब ने खुद श्रद्धा बनकर उसके दोस्त लक्ष्मण नाडर के मैसेज का इंस्टाग्राम पर ही रिप्लाई किया था.
आरोपी अफताब अमीन पूनावाला से कई अलग-अलग टीमों ने पूछताछ की. इस केस में यहां तक की पूछताछ के लिए एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया था. एफएसएल (FSL) और सीएफएसएल (CFSL) से भी मौका-ए-वारदात यानी क्राइम सीन पर जांच करवाई गई. मीनू चौधरी के अनुसार, इस मामले के आरोपी आफताब का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ था. साथ ही गुरुग्राम और दिल्ली से सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला गया और इसके फुटेज को बतौर सबूत जमा भी किया गया. यही नहीं आफताब का लैपटॉप, सोशल मीडिया जैसे डिजिटल एविडेंस भी पुलिस ने बरामद किए थे. लाश को काटने के लिए जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया था,उनमें से कुछ हथियार पुलिस ने बरामद किए हैं.
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद