रायपुर: आज जिस अपराध की कहानी से हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं…उसे सुनकर आपके होश फ़ाख्ता हो जाएँगे। पुलिस को ख़बर मिली कि शहर में कुछ लोग नकली नोटों का कारोबार कर रहे हैं। इसके बाद मामले की जाँच शुरू होती है और पुलिस का शक शहर में कैमरे की दुकान चलाने वाले एक शख्स पर जाता है। इसके बाद पुलिस उस व्यक्ति के घर पर छापेमारी करती है। पुलिस जब उनके घर में दाखिल हुई तो छत पर सफेद पानी की टंकी नज़र आती है। पुलिस ने जब उसे खोला तो अंदर कोई नकली नोट नहीं मिला, लेकिन एक महिला की लाश जरूर मिली, वो भी 6 टुकड़ों में…. !
जो लाश मिली वो… एक एयरटाइट पॉलीथीन पैकेज से पैक थी। जिसे देखकर किसी को भी इस बात का धोखा हो जाता है कि यह एक कोरियर पैकेज है। लेकिन जब उस पैकेज की सच्चाई सामने आई तो कई लोगों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। जी हाँ, डक्ट टेप और प्लास्टिक के उस एयरटाइट पैकेज में कोई सामान या कोरियर नहीं थी, लेकिन एक महिला की लाश को सील कर दिया गया और उसे भी छह टुकड़ों में काट कर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से जिसने भी इस वहशी कहानी को सुना वह दंग रह गया है। 6 हिस्सों वाली इस लाश की कहानी ने एक बारगी दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस की याद दिला दी थी।
इस लाश को नज़र आने के बाद अब सवाल यह था कि उस लाश को एयरटाइट प्लास्टिक पैकेज में किसने पैक किया था? वह किसकी लाश थी? उसे किसने मारा? और सबसे अहम बात यह है कि क़ातिल इस लाश को इस तरह पैक करके कहाँ छिपाना चाहता था? अब बिलासपुर पुलिस ने इस पार्सल को हासिल किया और इस मामले की तहकीकात की तो इस चौंकाने वाली साजिश का एक के बाद एक दिमाग घुमाने वाला सच सामने आता गया।
बिलासपुर पुलिस की क्राइम ब्राँच को उस दिन अहम इत्तिला मिली थी। मुखबिरों ने पुलिस को बताया था कि शहर के उस्लापुर इलाके के एक घर में कुछ लोग नकली नोटों का कारोबार कर रहे हैं। वे न केवल बाजार में नकली नोट चलाते हैं, बल्कि वे उसी घर में नकली नोट भी छापते हैं। यह बहुत ही हैरान करने वाली और अहम जानकारी थी। नकली नोटों के मामले में ज्यादातर धंधेबाज फ़र्ज़ी नोट सरहद पार से मंगवा कर उन्हें भारत में चलाने की कोशिश करते हैं। इस खबर के साथ पुलिस ने उसलापुर इलाके के इस घर में छापेमारी की लेकिन जिस बात ने पुलिस को सबसे ज्यादा हैरान किया, वह थी अजीब सी बदबू…. जी हाँ, पुलिस घर में नकली नोट की छापेमारी करने घुसी थी लेकिन पुलिस की हरकत तो किसी अजीब सी गंदी बदबू पर आकर रुक गई।
इस छापे के दौरान पुलिस ने नकली नोट छापने की एक मशीन, जाली नोटों की खेप, खास किस्म के कुछ पेपर और दूसरे साजो-सामान जब्त किए। लेकिन फिर भी घर से आने वाली गंध ने पुलिस को असहज और बेचैन कर दिया। इस नकली नोटों के मामले में पुलिस ने मकान में रहने वाले पवन सिंह ठाकुर को धर-दबोचा। पवन सिंह से जब पुलिस ने बदबू के बारे में पूछताछ की तो उसने पुलिस को बेवकूफ बनाने की कोशिश की। अब पुलिस ठहरी पुलिस…. शक होने पर पुलिस ने पूरे घर की तलाशी लेने का फैसला किया।
अब पुलिस ने घर से तलाशी भी ली लेकिन घर के अंदर ऐसा कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। अब पुलिस करे तो क्या करे? इसी बीच पुलिस ने ध्यान दिया कि छत पर से कुछ अजीब सी बदबू आ रही है। कायदे से खुली जगह पर तो बदबू आएगी नहीं, ऐसे में पुलिस ने छत पर पानी की टंकियों को चेक करने का फैसला किया। पुलिस ने जैसे ही पानी की टंकियों की एक-एक कर जाँच की तो पुलिस को एक सफेद रंग की टंकी में कुछ चौंकाने वाला मिला। यह चीज़ हकीकत में एक सीलबंद पॉलीथीन पैकेज थी, जिसे बिल्कुल एयरटाइट डक्ट टेप के साथ पैक किया गया था। हालाँकि, इतनी सावधानी से और सफाई से पैक होने के बावजूद, इस पैकेज में से भयानक बदबू आ रही थी।
अब पुलिस पवन सिंह ठाकुर पर शिकंजा कसने लगी। उसके पास अब और तक की झूठ बोलने की गुंजाइश नहीं थी। ऐसे में उसने न सिर्फ इस पैकेज का राज खोला बल्कि पुलिस को पैकेज के पीछे की कहानी भी बताई। क़ातिल ने बताया कि इस सील बंद पैकेज में उसकी बीवी की लाश है। वो भी 6 टुकड़ों में कटी हुई। क़ातिल पवन ने पुलिस को बताया कि उसने करीब दो महीने पहले अपनी बीवी की हत्या कर दी थी। यानी कि पूरे 60 दिन तक वो लाश टंकी में बंद पड़ी रही। क़ातिल ने बताया कि उसे मौका न मिलने पर वो लाश को ठिकाने नहीं लगा सका। अब बदबू को कैसे छिपाए? दरअसल, बदबू को ही छिपाने के लिए क़ातिल पवन ने लाश को टुकड़ों में काट कर इस पैकेट में बिल्कुल सील बंद तरीके से पैक कर दिया था।
इस रोज़ क़ातिल पवन और उसकी बीवी सती घर में अकेले थे। पवन अपने दोनों बच्चों को पहले ही उनके दादा-दादी के घर भेज चुका था। दरअसल पवन और सती के बीच करीब दस साल पहले लव मैरिज की थी। लेकिन धीरे-धीरे… जैसे-जैसे साल बीतते गए दोनों की शादी से प्यार गायब होता गया। पवन को शक था कि उसकी बीवी का किसी और से अफेयर चल रहा है। इस मामले को लेकर क़ातिल पवन ने अपनी बीवी से कई बार बात की थी। लेकिन पवन के मुताबिक, उसकी बीवी अपने रास्ते पर वापस जाने के लिए तैयार नहीं थीं और ऐसे में पति ने अपनी बीवी को खत्म करने का फैसला किया। 6 जनवरी की सुबह 6 बजे जब पवन की बीवी गहरी नींद में सो रही थीं, तब क़ातिल पवन ने बड़ी बेरहमी से गला दबाकर अपनी बीवी का क़त्ल कर दिया। अब पति ने तैश मे आकर बीवी का क़त्ल तो कर दिया लेकिन लाश को कहाँ ठिकाने लगाए? ऐसे में क़ातिल पवन ने लाश को ठिकाने लगाने से पहले उसे छिपाने का प्लान बनाया।
➨ स्टोन कटर से किए बीवी के लाश के टुकड़े
दुकानें खुलते ही वह बाहर निकला और पानी की टंकी, पत्थर काटने वाला, पॉलीथिन के पैकेट, डक्ट टेप जैसे बाकि के जरूरी सामान खरीद लाया। घर में और कोई नहीं था, इसलिए उसने दरवाजा बंद कर लिया और आसानी से लाश को ठिकाने लगाने की तैयारी करने लगी। पवन ने पत्थर काटने वाली मशीन से पहले अपनी बीवी के हाथ-पैर काट दिए और फिर उन्हें जलाने का प्रयास किया। लेकिन उन्हें जल्द ही एहसास हुआ कि अगर उन्होंने लाश के टुकड़ों को जलाने की कोशिश की, तो उनसे निकलने वाली गंध जल्द ही उन्हें बेनकाब कर देगी। इसके बाद उसने लाश के कई टुकड़े कर उन्हें पैक करने का फैसला किया। अब पवन ने उसके हाथ, पैर, सिर आदि काट डाले। एक-एक करके उसने लाश के छह अलग-अलग टुकड़े किए और उन्हें पॉलीथिन की थैलियों में अच्छी तरह पैक कर दिया।
पैकेट से बदबू बिल्कुल बाहर न आ सके इसके लिए आरोपी ने इसे सिलोफ़न टेप और स्कॉच टेप से लगभग सील कर दिया। इसके अलावा, उसने शव को छिपाने के लिए अपने घर को नहीं बल्कि घर की छत को चुना, जहाँ उसने पानी की टंकी में लाशों से भरे पैकेज रखे और टंकियों को ऊपर से बंद कर दिया। लेकिन सितम तो देखिए कि इतनी कोशिश करने के बाद भी लाश से बदबू आ रही थी और इसी बदबू ने ही क़ातिल को फँसा दिया।
क़ातिल का पूरा नाम पवन सिंह ठाकुर है। क़ातिल पवन ने पुलिस को बताया कि वह अपनी बीवी के साथ अफेयर को लेकर झगड़ा करता था। उसकी बीवी पवन के नकली करेंसी के धंधे में भी अड़ंगा करती थी। ऐसे में क़ातिल ने अपनी बीवी को मारने का फैसला किया। उन्होंने पहले अपने दोनों बच्चों को उनके गाँव में छोड़ दिया और फिर इधर अपनी बीवी का क़त्ल कर दिया। इसके बाद क़ातिल पवन ने अपने बच्चों से लेकर सभी नाते-रिश्तेदारों को कह दिया कि उसकी बीवी किसी के साथ फरार हो गई।
मृतक बीवी के परिजनों ने पुलिस को बताया कि पिछले कुछ महीनों से सती से बात नहीं हो पाने पर उन्होंने पवन सिंह से भी पूछताछ की, लेकिन पवन ने हर बार उन्हें बताया कि सती किसी के साथ फरार हो गई है। 15 दिन पहले सती की बहन सीता का बेटा भी अपनी बुआ को ढूँढने घर गया था, लेकिन पवन ने वही बात दोहरा दी।
आपको बता दें, क़ातिल पवन ने पुलिस को बताया कि वह शव को टंकी से निकालकर कहीं बाहर फेंकना चाहता था, लेकिन पास के एक मकान में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था और लोग दिन भर वहाँ पर लोग मौजूद रहते थे। ऐसे में क़ातिल के पास लाश को ठिकाने लगाने का भी मौका नहीं था।
कहते हैं कानून का शिकंजा जिस पर कसता है….कसता ही चला जाता है। अब पुलिस तो आई थी नकली नोटों का भांडा फोड़ने लेकिन इधर तो पूरा मामला ही खूनी क़त्ल का था। पवन के नकली नोट के धंधे के बारे में पुलिस ने बताया कि नकली नोट छापने के लिए वो एक ख़ास और अलग किस्म के कागज का इस्तेमाल करता था और इस कागज को ज्यादातर बेंगलुरु में ऑनलाइन खरीदता था। पुलिस ने उसके घर से एक बैंकनोट प्रिंटर, कागज के साथ कुछ नकली नोट भी बरामद किए हैं। फिलहाल पुलिस इस काले धंधे से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है।
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