नई दिल्ली। मणिपुर में पिछले कई महीनों से चल रहा जातीय संघर्ष अब प्रदेश की पुलिस पर सीधे हमले तक पहुंच गया है। उग्रवादियों ने मंगलवार को एक पुलिस इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी। घचना की सूचना पर इलाके में मदद के लिए भेजे गए कमांडो टीम पर भी हमला हो गया। बता […]
नई दिल्ली। मणिपुर में पिछले कई महीनों से चल रहा जातीय संघर्ष अब प्रदेश की पुलिस पर सीधे हमले तक पहुंच गया है। उग्रवादियों ने मंगलवार को एक पुलिस इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी। घचना की सूचना पर इलाके में मदद के लिए भेजे गए कमांडो टीम पर भी हमला हो गया। बता दें कि इस हमले में कई कमांडो भी घायल हो गए हैं।
कमांडो टीम पर हमले के बाद आनन-फानन में असम राइफल्स से मदद मांगी गई और सुरक्षा घेरा बनाकर पहुंची असम राइफल्स ने कमांडो दस्ते का रेस्क्यू किया और अस्पताल लेकर गए। पुलिस कमांडो पर हुए इस हमले की जिम्मेदारी कुकी गुट के लोगों ने ली है। उनका कहना है कि हमने यह हमला राज्य की पुलिस द्वारा किए जा रहे पक्षपात -पूर्ण रवैये की वजह से किया है।
इंफाल के हाओबाम मराक इलाके के निवासी उपमंडल पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद की एक ‘स्नाइपर’ हमले में हत्या कर दी गई, उस वक्त वह पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा संयुक्त रूप से बनाए जाने वाले एक हेलीपैड के लिए ईस्टर्न शाइन स्कूल के मैदान की सफाई की देखरेख करने गए थे। अधिकारियों ने बताया कि एसडीपीओ को मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। राज्य सरकार ने एसडीपीओ चिंगथम के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का ऐलान किया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि आज एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में कैबिनेट ने ‘वर्ल्ड कुकी-ज़ो इंटेलेक्चुअल काउंसिल’ (डब्ल्यूकेजेडआईसी) को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 3 के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित करने की सिफारिश करने को मंजूरी दे दी। हालांकि, राज्य सरकार की इस सिफारिश की पुष्टि केंद्र द्वारा की जानी होगी।