नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक शख्स की पत्नी की तबीयत काफी ज्यादा खराब थी। जब शख्स की पत्नी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो वह भगवान से नाराज हो गया। इसके बाद उसने गुस्से में कुल्हाड़ी से शिवलिंग पर वार […]
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक शख्स की पत्नी की तबीयत काफी ज्यादा खराब थी। जब शख्स की पत्नी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो वह भगवान से नाराज हो गया। इसके बाद उसने गुस्से में कुल्हाड़ी से शिवलिंग पर वार करके उसे खंडित कर दिया। शख्स ने शिवलिंग पर ऐसा किसी एक मंदिर के साथ नहीं बल्कि अलग-अलग मंदिरों में स्थापित शिवलिंग को तोड़ने का काम किया है। लोगों में मंदिर में शिवलिंग तोड़े जाने की घटना के बाद काफी आक्रोश फैल गया है। इस मामले के आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
जानकारी के अनुसार यह पूरी घटना उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के पुरवा थान क्षेत्र बिल्लेश्वर महादेव मंदिर और बिहार थाना क्षेत्र के वनखण्डेश्वर महादेव मंदिर की बताई जा रही है। यहां पर रोजना की तरह जब लोग भगवान को जल चढ़ाने गए तो उन्हें दोनों प्राचीन मंदिर में शिवलिंग खंडित मिले। इसकी जानकारी लोगों ने तुरंत पुलिस को दी। इस घटना से लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा और हिन्दू संगठनों से जुड़े लोग घटनास्थल पर पहुंच कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने लोगों का आक्रोश बढ़ता देखा तो तुरंत इस मामले में कार्रवाई करते हुए अवधेश कुमार कुर्मी को हिरासत में लिया।
पुलिस के अनुसार आरोपी ने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसकी पत्नी काफी दिनों से बीमार है। उसके ठीक न होने पर वो देवी-देवताओं से नाराज था। इसी वजह से उसने कुल्हाड़ी से शिवलिंग को नुकसान पहुंचाया है। आरोपी शख्स ने आगे बताया कि पहले वो बिल्लेश्वर महादेव मंदिर गया था। इसके बाद उसने शिवलिंग को क्षतिग्रस्त किया फिर बाइक से बिहार थाना क्षेत्र में सजनी वनखंडेश्वर मंदिर में भी इसी तरह की घटना को अंजाम दिया। इस मामले में एएसपी अखिलेश सिंह का कहना है कि- आरोपी व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर है। उसको हिरासत में ले लिया गया है, उससे पूछताछ की जा रही है, अखिलेश सिंह ने बताया कि आरोपी ने घटना को स्वीकार किया है।
इस घटना को लेकर मंदिर के पुजारी राकेश कुमार गोस्वामी का कहना है कि-ये मंदिर द्वापर युग का है और इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने कराया था। मंदिर के पुजारी राकेश कुमार गोस्वामी ने कहा कि-जिस समय मकरध्वज की परीक्षा लेने के लिए जा रहे थे, उस समय भगवान कृष्ण ने यहां पूजा की थी और इस शिवलिंग की स्थापना की थी। सावन और शिवरात्रि में महान मेला होता है और बाकी हर सोमवार को सैकड़ों की संख्या में शिवभक्त आते है। लोगों की मान्यता है कि इस मंदिर पर पहला जलाभिषेक आज भी अश्वत्थामा ही करते है।
Also Read…