गाज़ियाबाद, यूपी के गाजियाबाद में कत्ल की एक खौफनाक कहानी सामने आई है, इस कहानी को सुन आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. इस कहानी में कातिल भी नाबालिग है और मरने वाला भी. जब कातिल कानून के शिकंजे में पहुंचा तो इस कत्ल के पीछे ऐसी वजह सामने आई, जिसे जानकर पुलिसवाले भी दंग रह गए. दरअसल, कातिल लड़का पढ़ाई से इतना परेशान हो गया था, कि वो स्कूल जाने से बचना चाहता था और इसीलिए उसने एक खूनी खेल खेला.
16 साल के उस कातिल ने एक 13 वर्षीय बच्चे की गला दबोचकर हत्या कर दी, कातिल ने बीयर की बोतल से उसका गला काटने की भी कोशिश की थी. पुलिस के मुताबिक इस कत्ल की वजह बेहद चौंकाने वाली है, असल में कातिल लड़का दसवीं में पढ़ता है और वो पढ़ाई में काफी कमजोर है. वो पढ़ाई और स्कूल से बचना चाहता था इसलिए उसने अपने साथी बच्चे की हत्या कर दी ताकि पुलिस उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाए और उसे पढ़ाई न करनी पड़े.
पुलिस ने 13 साल के मृतक बच्चे की लाश गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पास एक पत्थर के स्लैब से बरामद की है, इस बच्चे की पहचान आकाश नगर निवासी कक्षा दसवीं का छात्र विनोद के रूप में हुई है. जबकि मृतक बच्चा कक्षा 8 का छात्र था. पुलिस ने इस मामले में 16 साल के नाबालिग आरोपी को हिरासत में ले लिया है.
गाजियाबाद में कत्ल की इस सनसनीखेज वारदात ने आज से पांच साल पहले सामने आई एक ऐसी ही खौफनाक कत्ल की वारदात की यादें ताजा कर दी, जिसने पूरे देश को झंकझोर कर रख दिया था. उस समय भी एक नामी गिरामी स्कूल के बच्चे का कत्ल हुआ था. पुलिस उस मामले को किसी भी तरह से रफा दफा करना चाहती थी, लेकिन कत्ल की उस पहेली को सीबीआई ने ही अंजाम तक पहुंचाया.
पुलिस की एसआईटी ने इस मामले में जांच के बाद बताया था कि वारदात से से ठीक पहले आरोपी कंडक्टर अशोक स्कूल के टॉयलेट में हस्तमैथुन कर रहा थे, इसी दौरान ताइक्वांडो के तीन स्टूडेंट्स और स्कूल का माली वहां गए थे. उनके जाने के बाद आरोपी फिर से वही हरकत कर रहा था, तभी सात साल का मासूम वहां पहुँच गया और आरोपी ने उसे टॉयलेट में खींच लिया और उसके साथ गलत काम करने की कोशिश की.
पुसिस के मुताबिक इसके बाद वो छात्र शोर मचाने लगा और विरोध करने लगा, जिससे घबराकर अशोक ने चाकू निकाला और बच्चे की गर्दन रेत थी. पुलिस का कहना था कि तकरीबन आधे घंटे तक आरोपी अशोक कुमार बच्चे के खून से सने कपड़ों में घूमता रहा था. इस मामले के पुलिस ने दो गवाह भी बताए थे, पुलिस की इस कहानी पर सभी को भरोसा हो गया था और अशोक को ही दोषी मान लिया गया था लेकिन, जब सीबीआई की जांच में असली सच्चाई सामने आई तो सभी के पैरो तले ज़मीन खिसक गई.
पुलिस की इस कहानी पर सभी को भरोसा हो गया था, लेकिन मृतक के माँ-बाप पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं थे इसलिए वो सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. अंत में सीबीआई को इस मामले की जांच सौंप दी गई. सीबीआई की जांच ने उस वक्त सबको हैरान कर दिया था, जब उसी स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक नाबालिग छात्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया. लंबी पूछताछ और गहन छानबीन के बाद सीबीआई ने खुलासा किया था कि आरोपी ने अपने जूनियर छात्र की हत्या इसलिए कर दी थी, क्योंकि वह उस दिन पैरेंट्स-टीचर मीटिंग और यूनिट टेस्ट को स्थगित करवाना चाहता था इसलिए उसने छात्र की हत्या कर दी, जिससे सभी का ध्यान वहां चला जाए और पेरेंट्स टीचर मीटिंग और यूनिट टेस्ट न हो. आरोपी छात्र पढ़ाई में बेहद कमजोर था इसलिए उसने महज़ पढ़ाई से बचने के लिए इस संगीन हत्याकांड को अंजाम दिया था.
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