नई दिल्ली: खूंखार गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को जो जितेंद्र गोगी गैंग की कमान संभाल रहा है अब दिल्ली पुलिस के हाथों लग गया है. दिल्ली पुलिस 5 अप्रैल को दीपक बॉक्सर को भारत लेकर आई थी, इसके बाद उससे लंबी पूछताछ हुई. इस पूछताछ के बाद उसके 15 साथी भी पुलिस की चपेट में आ […]
नई दिल्ली: खूंखार गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को जो जितेंद्र गोगी गैंग की कमान संभाल रहा है अब दिल्ली पुलिस के हाथों लग गया है. दिल्ली पुलिस 5 अप्रैल को दीपक बॉक्सर को भारत लेकर आई थी, इसके बाद उससे लंबी पूछताछ हुई. इस पूछताछ के बाद उसके 15 साथी भी पुलिस की चपेट में आ गए हैं. पूछताछ में सामने आया कि दीपक बॉक्सर हत्या, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के 2 दर्जन से अधिक मामलों में शामिल रहा है.
स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल के अनुसार जितेन्द्र गोगी का सहयोगी दीपक बजाना ही दीपक बॉक्सर और जितेंद्र मान उर्फ गोगी को मिलाने वाला व्यक्ति था. दीपक बॉक्सर नाम कमाना चाहता था इसलिए उसने जुर्म का रास्ता चुना. साल 2016 में जितेंद्र उर्फ गोगी गिरफ्तार हुआ था. गिरफ्तारी के बाद उसके साथियों ने उसे पुलिस की हिरासत से बचाने की योजना बनाई. अपने साथियों के साथ मिलकर दीपक बॉक्सर ने गोगी को बहादुरगढ़ में पुलिस कस्टडी से छुड़ा लिया.
जितेन्द्र गोगी के कहने पर मार्च, 2021 में दीपक बॉक्सर सहित गिरोह के सदस्यों ने पुलिस हिरासत से कुलदीप फज्जा को भगाने की योजना बनाई, इसमें दीपक बॉक्सर, अंकेश लकड़ा, मोहित बधानी, रवि समेत अन्य सहयोगी अस्पताल पहुंचे. जब मेडिकल चेकअप के लिए कुलदीप फज्जा को लाया गया तो इन सबने एक साथ पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया और कुलदीप को हिरासत से छुड़ा लिया. पुलिस की जवाबी फायरिंग में रवि उर्फ मुक्केबाज मारा गया और अंकेश लाकड़ा घायल हो गया. एक बाइक लूट कर दीपक बॉक्सर व फज्जा फरार हो गए. हालांकि स्पेशल सेल की टीम ने बाद में कुलदीप को मार गिराया था.
महफूज खान उर्फ भूरा दलाल और उसके सहयोगी मो.जुनैद को जांच के दौरान उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया. रवि अंतिल के नाम से दीपक बॉक्सर का फर्जी पासपोर्ट बनवाया था, इसके बाद 15 पासपोर्ट, 7 आधार कार्ड, 7 पैन कार्ड और 6 वोटर कार्ड उसी की निशानदेही पर बरामद किए गए. गोगी और उसके गैंग के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने साल 2018 में मकोका के तहत मामला दर्ज किया था. इस संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, जबरन वसूली आदि जघन्य अपराधों में शामिल हैं. इस संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्यों के खिलाफ 60 – 70 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं.