नई दिल्ली: यह कहानी राजस्थान की रहने वाली 18 साल की आभा की है. जिसने कुछ दिन पहले ही अपनी बात मीडिया के सामने रखी. लेकिन अफसोस अब वह कभी नहीं बोलेगी. क्योंकि अब वो इस दुनिया में नही रही.
मीडिया वालों को बुला कर अपनी बात कहने के कुछ घंटे बाद आभा ने खुद अपनी जिंदगी खत्म कर ली. आभा के जीते जी उसकी जो बात किसी ने नहीं सुनी, लेकिन अब उसकी कहानी सामने आने पर हंगामा खड़ा हुआ है. जो आभा जीते जी अपने और अपनी भाभी के लिए न्याय मांग रही थी. अब उसी मरी हुई खामोश आभा को न्याय दिलाने के लिए उसकी अर्थी के साथ पूरा गांव इस वक्त एक पुलिस स्टेशन के बाहर बैठा है.
कानून के द्वारा न्याय न मिल पाने की वजह से दो लोगों को खुदकुशी करनी पड़ी. जी हां, आभा से पहले उसकी भाभी स्वाति को भी जब कानून और पुलिस से उसके सवालों के जवाब नहीं मिले, तो वो खुद ही जिंदा आग में जल उठी.
दरअसल 1 साल पहले आभा की भाभी स्वाति महाविद्यालय में पढ़ रही थी. घर से महाविद्यालय वो बस से जाया करती थी. उसी बस में 3 और लड़के अपने कॉलेज जाया करते थे. इन लड़कों के नाम हैं लालचंद, अशोक और श्योचंद. इनमें से एक लड़का श्योचंद राजस्थान के कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा का रिश्तेदार है. बस में आते जाते तीनों लड़कों से स्वाति की दोस्ती हो जाती है. फिर एक रोज़ मौका मिलते ही तीनों स्वाति के साथ जबरदस्ती करते हैं. और मोबाइल पर उन पलों को रिकॉर्ड भी कर लेते हैं.
इसके बाद तीनों ने धमकी देने के बाद स्वाति को छोड़ दिया. 2 बच्चों की मां स्वाति इस घटना से डर गई. उसे लगा कि अगर उसका यह वीडियो ससुरालवालों और गांव वालों तक पहुंच गए, तो उसकी शादीशुदा जिंदगी खत्म हो जाएगी. लिहाजा वो खामोश हो गई. इसके बाद स्वाति को ब्लैकमेल करने का ये सिलसिला महीनों चलता रहा. इज्जत की खातिर स्वाति अब तक खामोश थी. अचानक एक दिन तीनों लड़के स्वाति को धमकी देते हैं और कहते है कि अपनी ननद आभा से उन्हें मिलाए, उससे फोन पर बात कराए. वरना वीडियो इंटरनेट पर अपलोड कर देंगे.
स्वाति अपना घर टूटने के भय से आभा को सारी बात बता देती है. अब स्वाति के साथ-साथ उसकी ननद आभा भी पूरी तरह से उन तीनों लड़कों के चंगुल में फंस चुकी थी. 23 दिसंबर 2023 को जब आभा और स्वाति घर लौट रही थी, तब रास्ते में तीनों लड़के फिर से मिल जाते हैं. इस बार तीनों एक साथ दोनों की आबरू लूटते हैं.
स्वाति अपने सामने अपनी ननद की भी आबरू लुटती देख रही थी. उससे ये बर्दाश्त नहीं हुआ. इसके बाद उसी दिन शाम को स्वाति ने पेट्रोल डालकर खुद को जिंदा जला लिया. लेकिन तब तक बहुत देर हो गया था और स्वाति 80 फीसदी झुलस चुकी थी. स्वाति को अस्पताल ले जाया गया. लेकिन फिर दो महीने बाद 23 फरवरी को स्वाति ने दम तोड़ दिया.
3 अप्रैल को मीडिया के सामने, दोपहर करीब 12 बजे आभा अपनी पूरी कहानी सुनाती है. और उसी रात लगभग 12 घंटे बाद अपने घर में फांसी के फंदे पर झूल जाती है. झूलने से पहले आभा अपनी कलाई भी काट लेती है. यानी वो खुद के जिंदा बच जाने का कोई भी मौका छोड़ना ही नहीं चाहती थी. आभा के मरने के 24 घंटे बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया. गौरतलब है कि दो आरोपी को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार लिया था. तीसरे आरोपी को संभवत: इसलिए नही गिरफ्तार कर रही थी क्योंकि उसका रसूख था. पर अब मजबूरी में पुलिस को गिरफ्तार करना पड़ा.
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