Ankita singh death update: अधूरी रह गई अंकिता की आखिरी इच्छा.. गरीबी में बीता था जीवन

रांची, झारखंड के दुमका में एक सिरफिरे आशिक ने 17 साल की बारहवीं की छात्रा को जिंदा जला डाला. पांच दिन बाद रांची में छात्रा की मौत हो गई, छात्रा की मौत पर हिन्दू संगठन ने ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया है. बढ़ते दबाव के बीच झारखंड सरकार ने गुनहगार को सजा दिलाने के लिए […]

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Ankita singh death update: अधूरी रह गई अंकिता की आखिरी इच्छा.. गरीबी में बीता था जीवन

Aanchal Pandey

  • August 29, 2022 6:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

रांची, झारखंड के दुमका में एक सिरफिरे आशिक ने 17 साल की बारहवीं की छात्रा को जिंदा जला डाला. पांच दिन बाद रांची में छात्रा की मौत हो गई, छात्रा की मौत पर हिन्दू संगठन ने ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाया है. बढ़ते दबाव के बीच झारखंड सरकार ने गुनहगार को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल का आश्वासन भी दिया है.

ये थी अंकिता की अंतिम इच्छा

17 साल की अंकिता सिंह गर्ल्स हाई स्कूल में 12वीं में पढ़ती थी और अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए ट्यूशन पढ़ाती थी और हर महीने एक हजार रुपये कमाती थी. अंकिता बड़ी होकर पुलिस ऑफिसर बनना चाहती थी, वहीं अंकिता के पिता की आमदनी रोजाना 200 रुपये थी. बता दें, अंकिता की मां की कैंसर से मौत हो चुकी है. उनके इलाज में ही परिवार को सारी जमीनें, संपत्ति बेचनी पड़ी थी, जिसके चलते अंकिता का जीवन बहुत ही गरीबी में बीता था. उसका बड़े होकर कुछ करने का सपना था. वो अपने परिवार को एक अच्छी ज़िन्दगी देना चाहती थी, अंकिता का छोटा भाई छठी कक्षा में है. वह दुमका में परिवार के साथ 2 कमरों के घर में रहती थी, जिस बच्ची ने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था, उस बच्ची का बस एक ही ख्वाब था कि वो अपने परिवार को एक अच्छी ज़िन्दगी दे सके, लेकिन वहशी दरिंदे ने घर के अंदर ही ज़िंदा जलाकर मार डाला.

दादा-दादी ने माँगा इंसाफ

झारखंड के दुमका में अंकिता सिंह (17) का सोमवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया, अंकिता को उसके दादा ने मुखाग्नि दी, जिस दादा ने अपने हाथों अपनी पोती को मुखाग्नि दी हो उनकी मनोदशा इस समय क्या होगी, उसका तो अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता.कड़ी सुरक्षा में अंकिता की अंतिम यात्रा निकाली गई, बता दें रविवार की सुबह जब उसकी मौत की खबर आई तो दुमका में तनाव की स्थिति बन गई. अंकिता के बूढ़े दादा-दादी ने अपनी पोती के लिए न्याय माँगा है. अंकिता के दादा ने बताया कि घर की हालात को देखते हुए अंकिता कुछ काम करना चाहती थी, वह अपने जान-पहचान वालों से नौकरी मांगती थी ताकि घर की हालत थोड़ी ठीक हो सके, वह ग्रेजुएशन कर के टीचर बनना चाहती थी, लेकिन उसके सारे ख्वाब को उस अपराधी ने खत्म कर दिया.

 

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