September 19, 2024
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फांसी की सज़ा से बचा यासीन, इन धाराओं के तहत सुनाई गई सज़ा

नई दिल्ली, प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में यासीन मलिक को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई है. इसके साथ ही मलिक पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. दिल्ली की NIA कोर्ट ने सजा को लेकर फैसला सुरक्षित रखा था, बताया जा रहा है कि NIA ने यासीन मलिक को फांसी की सज़ा देने की मांग की था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें फांसी की बजाय उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. बता दें सजा के ऐलान से पहले कोर्टरूम के बाहर कड़ी सुरक्षा कर दी गई थी.

यासीन मलिक के वकील के मुताबिक मलिक के पास 11 कनाल यानी तकरीबन 5564 वर्ग मीटर जमीन है, जो उनकी पुश्तैनी ज़मीन बताई जा रही है. इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में मलिक को दोषी ठहराया था. यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान कबूल भी किया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था.

इन सेक्शंस के तहत सुनाई गई सज़ा

स्पेशल जज ने यासीन पर आईपीसी धारा 120 बी के तहत यासीन मलिक को 10 साल की सज़ा सुनाते हुए 10 हजार जुर्माना लगाया है. वहीं, धारा 121ए के तहत यासीन मलिक को 10 साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना लगाया गया है. इसी के तहत, 17UAPA के तहत मलिक को आजीवन कारावास और 10 लाख जुर्माना लगाया गयाा है. UAPA की धारा 13 के तहत मलिक को 5 साल की सजा, UAPA की धारा15 के तहत 10 साल की सजा, UAPA की धारा 18 के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना, UAPA की धारा 38 और 39 के तहत 5 साल 5 हजार जुर्माना लगाया गया है.

यूएपीए के तहत कई मामले दर्ज

आतंकवादी गतिविधि- धारा 16
आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाना- धारा 17
आतंकवादी कृत्य की साजिश रचना- धारा 18
आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होना- धारा 20

भारतीय दंड संहिता

बी आपराधिक साजिश- धारा 120
ए देशद्रोह- धारा 120
हिंसा से जुड़ा है मामला- धारा 120

 

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