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NCRB Report 2022: महिलाओं के लिए राजधानी दिल्ली सबसे ज्यादा असुरक्षित, यहाँ रात को..

नई दिल्ली, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की तरफ जारी किए गए रिपोर्ट के आंकड़ें बहुत ही चौंकाने वाले हैं, दरअसल राजधानी दिल्ली में एक साल में अपराधिक मामलों में 40% की वृद्धि हुई है, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13,892 मामले दर्ज किए गए, इसी के साथ राजधानी देश का सबसे असुरक्षित […]

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Rape Case
  • August 30, 2022 3:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की तरफ जारी किए गए रिपोर्ट के आंकड़ें बहुत ही चौंकाने वाले हैं, दरअसल राजधानी दिल्ली में एक साल में अपराधिक मामलों में 40% की वृद्धि हुई है, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13,892 मामले दर्ज किए गए, इसी के साथ राजधानी देश का सबसे असुरक्षित शहर बन गया है, यहां हर दिन 2 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज होता है.

महानगरों की स्थिति

NCRB की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अपराध के मामले में 19 महानगरों में 32.20% के साथ दिल्ली पहले स्थान पर है, इसके बाद मुंबई में 12.76% और तीसरे नंबर पर बेंगलुरु है. राजधानी में साल 2021 में सबसे जयादा अपराधिक मामले दर्ज किए गए, जिसमें अपहरण के 3948, पतियों द्वारा उत्पीड़न के 4674 और बलात्कार के 833 बलात्कार के मामले शामिल हैं. औसतन दिल्ली में हर दिन दो लड़कियों के साथ रेप केस दर्ज किए गए.

हत्या के मामलों में आई कमी

साल 2020 की तुलना में दिल्ली में हत्या के मामलों में थोड़ी कमी देखने को मिली है. 2019 में राजधानी में हत्या के 500 मामले आए थे, 2020 में 461 और 2021 में 454 हत्या के मामले सामने आए.

NCRB की रिपोर्ट पर सियासत

NCRB की रिपोर्ट के आधार पर दिहाड़ी मजदूरी करने वालों के आत्महत्या के मामले 1 साल में 11.52% बढ़े हैं, जिसके बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता की चुनी हुई सरकारें गिराने में अतिव्यस्त प्रधानमंत्री थोड़ा वक्त देश के मजबूर लोगों पर भी ध्यान दें.

महिला आयोग की अध्यक्ष ने कही ये बात

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी इस संबंध में ट्वीट करते हुए कहा कि ‘NCRB के आंकड़ों के अनुसार 2021 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध 41% बढ़ गए, वहीं बच्चों के खिलाफ अपराध 32% बढ़ गए. ये चिंता का विषय बन गया है, आज देश की हर पार्टी हर सरकार को महिला सुरक्षा को चुनावी घोषणापत्र से निकालकर जमीन पर हकीकत बनाने के लिए साथ मिलकर कठोर कदम उठाने चाहिए’.

 

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