नई दिल्ली। आज के समय में बड़ी तादाद में लोग बीमा पॉलिसी का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में यह खबर आम आदमी के लिए बेहद जरूरी है। मुमकिन है कि वित्त मंत्रालय की ओर से कोई आपसे हजारों रुपये का घोटाला कर सकता है। हां! अगर आप सावधान नहीं रहे तो आपके साथ लाखों रुपये […]
नई दिल्ली। आज के समय में बड़ी तादाद में लोग बीमा पॉलिसी का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में यह खबर आम आदमी के लिए बेहद जरूरी है। मुमकिन है कि वित्त मंत्रालय की ओर से कोई आपसे हजारों रुपये का घोटाला कर सकता है। हां! अगर आप सावधान नहीं रहे तो आपके साथ लाखों रुपये का घोटाला हो सकता है. देश की राजधानी दिल्ली में एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिसे सुनकर खुद पुलिस भी हैरान रह गई है.
एक मुखबिर ने इसकी शिकायत वित्त मंत्रालय में की, जिसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल IFSO यूनिट ने जांच की, जिसके बाद बदमाशों का एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया. यह सिंडिकेट कोई बड़ा संगठन नहीं था बल्कि वित्त मंत्रालय का नाम लेकर सीधे तौर पर लोगों को ठगने का काम करता था. इस गिरोह के ठगने का तरीका भी काफी शातिर था. सभी शातिर आरोपियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जाली सिग्नेचर का भी इस्तेमाल किया था।
पुलिस के मुताबिक इस गिरोह के बदमाश अपने आप को वित्त मंत्रालय के अफ़सर बताते थे. इन स्कैमर्स ने cgc@rbidepartment.org.in के नाम से एक फर्जी ईमेल आईडी बनाई है, जिसके जरिए इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर को ये ईमेल भेजते थे. इन ईमेल को देखकर कोई भी आसानी से शिकार में आ जाता था. पुलिस ने इन आरोपियों से 3,000 लोगों का डेटा बरामद किया गया है. इसके अलावा और भी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पुलिस को इस गिरोह के पास से इनकी बैंक डिटेल भी मिली है.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की IFSO यूनिट में तैनात DCP प्रशांत प्रिया गौतम ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली थी कि वित्त मंत्री के जाली हस्ताक्षर वाला एक लेटर एक शख्स को भेजा गया है. पीड़िता को बताया गया कि उसकी पॉलिसी खत्म हो चुकी है। इसके बाद पीड़िता को एक लिंक भेजा गया, जिस पर क्लिक करने को कहा गया। इसके बाद पीड़ित ने फंड जारी करने के एवज में हजारों रुपये की ठगी की।
DCP प्रशांत प्रिया गौतम ने बताया कि इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस गिरोह का मास्टरमाइंड मुस्तफाबाद का रहने वाला महताब आलम है। इसके अलावा तीन अन्य आरोपियों की पहचान सरबाज खान, मोहम्मद जुनैद और दीन मोहम्मद के इख्तियार में हुई है. चारों आरोपी बीमा कंपनी में काम करते थे. वहीं से डाटा चुरा कर यह लोगों को शिकार बनाने का धंधा अंजाम दे रहे थे.