नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली नोट छापने वाली फैक्ट्री का खुलासा कर इस सिंडिकेट के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के मुताबिक ये गिरोह 500-500 के नकली नोट छापता था. इन आरोपियों की नकली नोट छापने की फैक्ट्री गाजियाबाद के लोनी स्थित ट्रॉनिका सिटी में चल […]
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली नोट छापने वाली फैक्ट्री का खुलासा कर इस सिंडिकेट के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के मुताबिक ये गिरोह 500-500 के नकली नोट छापता था. इन आरोपियों की नकली नोट छापने की फैक्ट्री गाजियाबाद के लोनी स्थित ट्रॉनिका सिटी में चल रही थी. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने छापेमारी कर वहां से चार लाख तिरेसठ हज़ार (4,63,000) तैयार व तीस लाख (30,12,500) के करीब नकली रुपये शीट में प्रिंट नोट बरामद किए हैं.
हर शीट में 500-500 के 15 नोट मिले हैं. इसके अलावा नकली नोट में इस्तेमाल होने वाली सामग्री डाई, 4 बॉक्स इंक, प्रिंटिंग मशीन, 3 सीपीयू, एक स्कैनर भी बरामद किया गया है. मामले के आरोपियों की पहचान राजपाल, अजीम और आशीष जैन के तौर पर हुई है. ये सभी आरोपी दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट जिले के रहने वाले हैं.
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि आशीष जैन नकली नोट की सप्लाई के काम लगा हुआ है. आरोपी आशीष जैन को हिरासत में लेने के बाद उसके पास से डेढ़ लाख रुपये नकली नोट बरामद हुए. जिसके बाद पहले आरोपी की निशानदेही पर राजपाल उर्फ राजू को न्यू उस्मानपुर से पकड़ा गया. लिहाजा, आरोपी राजपाल के निशानदेही पर भी लोनी की ट्रॉनिका सिटी में एक से फैक्ट्री 3 लाख 75 हजार बरामद किए गए.
पुलिस की गहन पूछताछ के बाद आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने नकली नोट बनाने का प्रिंटिंग प्रूफ एक सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार किया हुआ था, जो उनके कंप्यूटर के सीपीयू में है. इन नकली नोटों को इनमें से एक आरोपी अजीम के प्रिंटिंग प्रेस में छापते थे. तीनों आरोपी इन नकली नोटों को अपने साथी आरोपियों की मदद से छोटे-छोटे शहरों में सप्लाई करते थे. क्राइम ब्रांच की टीम इन आरोपियों से पूरे सप्लाई चेन के बारे में पता लगाने में जुटी है.