बीरभूम, बीते दिनों पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुई हिंसा (Birbhum Violence) के मामले पर आज कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई की गई, जिसमें मुख्य न्यायाधीश खंडपीठ ने कल यानि गुरुवार दोपहर 2 बजे तक राज्य सरकार से हिंसा पर स्थिति की रिपोर्ट देने को कहा है. साथ ही, हाई कोर्ट ने जिला जज की मौजूदगी में सीसीटीवी कैमरे लगाने और घटनास्थल की चौबीसों घंटे निगरानी करने का भी आदेश दिया है.
हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सीएफएसएल दिल्ली टीम को मौके से तुरंत जांच के लिए साक्ष्य एकत्र करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस हिंसा के चश्मदीदों को जिला न्यायाधीश के परामर्श से डीजी और आईजीपी द्वारा सुरक्षा दी जाने की भी बात कही है. बता दें इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस की सुनवाई की है.
बीरभूम हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि ऐसा जघन्य अपराध करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने आगे ये भी कहा कि दोषियों को सजा दिलवाने और इस मामले की जांच में केंद्र सरकार राज्य सरकार की हर संभव मदद करेगी.
बीरभूम हिंसा पर टीएमसी की मुखिया ने कहा, “सरकार हमारी है, तो हम ही अपने राज्य के लोगों के बारे में चिंता करेंगे. हम कभी नहीं चाहते कि किसी कोई भी नुकसान हो, लोगों को सुरक्षित रखना हमारी ज़िम्मेदारी है. बीरभूम, रामपुरहाट की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मामले का संज्ञान लेते हुए मैंने ओसी, एसडीपीओ को तुरंत बर्खास्त कर दिया है, मैं कल ही रामपुरहाट जाउंगी.”
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