बेगूसराय, बिहार के बेगूसराय में बिहार एक बार प्रशासन की पोल खुल गई है. ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है. बेगूसराय में तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में ना सिर्फ शराबबंदी कानून की पोल खुल रहा है बल्कि जिनके कंधे पर कानून को सफल बनाने की जिम्मेवारी है […]
बेगूसराय, बिहार के बेगूसराय में बिहार एक बार प्रशासन की पोल खुल गई है. ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है. बेगूसराय में तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में ना सिर्फ शराबबंदी कानून की पोल खुल रहा है बल्कि जिनके कंधे पर कानून को सफल बनाने की जिम्मेवारी है वही कानून के मखौल उड़ाते देखे जा रहे हैं। तस्वीरें बछवारा प्रखंड कार्यालय में कार्यरत नाजिर अजीत कुमार की है। तस्वीरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस तरह नाजिर साहब अपने कार्यालय कक्ष में ही बैठकर शराब और कबाब का लुफ्त उठा रहे हैं। तस्वीरें सामने आने के बाद बेगूसराय के डीएम रोशन कुशवाहा ने जांच के आदेश दिए हैं एवं जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है । लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि जिस तरह बिहार सरकार के द्वारा शराब बंदी कानून के पक्ष में दावे किए जाते हैं वह कहीं ना कहीं धरातल पर बेमानी साबित हो रही है । इतना ही नहीं सरकार की साख गिराने में कहीं न कहीं उनके कर्मचारी ही लगे हुए हैं। अब यहां सवाल उठता है कि अगर बिहार में शराबबंदी सफल है तो फिर शराब कार्यालय तक कैसे पहुंच रही है । प्रश्न यह भी उठता है कि अगर सरकारी कार्यालय में सरकारी कर्मचारी ही शराब बंदी कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं तो फिर पुलिस के द्वारा समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। जबकि आए दिन आम लोगों को पकड़ पकड़ कर प्रशासन के द्वारा जेल में बंद किया गया है ।
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