मथुरा. मथुरा में ट्रॉली बैग के अंदर जिस लड़की की लाश मिलने से हड़कंप मच गया था, वो मामला ऑनर किलिंग का निकला. दिल्ली के बदरपुर इलाके में रहने वाले शख्स ने ही अपनी बेटी आयुषी यादव की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी और फिर हत्या के बाद उसके शव को लाल रंग के ट्रॉली बैग में रखकर मथुरा के राया इलाके में फेंक दिया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 22 साल की आयुषी घर से बिना बताए ही कहीं चली गई थी इसके बाद जब 17 नवंबर को घर पहुंची तो पिता नितेश यादव ने आपा खो दिया और गुस्से में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद रात में ही पिता ने बेटी के शव को लाल रंग के ट्रॉली में पैक किया और यमुना एक्सप्रेस-वे की सर्विस रोड पर राया इलाके में फेंक दिया.
इस घटना के एक दिन बाद यानी की 18 नवंबर की दोपहर मथुरा पुलिस को युवती का लावारिस शव मिलने की सूचना मिली. जिस समय पुलिस को शव मिला तब युवती के सिर, हाथ और पैर में चोट के निशान थे. जबकि, बाईं ओर उसकी छाती में गोली लगी हुई थी. इस मामले की तहकीकात के लिए पुलिस की 8 टीमों को दौड़ाया गया, जिसके बाद 48 घंटे के भीतर ही इस मामले का खुलासा कर दिया गया.
युवती की पहचान के लिए लगभग 20 हजार मोबाइल कॉल ट्रेस किए गए. इन मोबाइल फोन्स की लोकेशन सर्विलान्स टीम ने खंगाली और फिर पूरे एरिया के 210 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की भी जांच की, इसके बाद पुलिस लावारिस शव की पहचान कर पाई. इतना ही नहीं, छानबीन में जुटी यूपी पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर, हाथरस और अलीगढ़ समेत आसपास के इलाकों में पीड़िता के पोस्टर्स भी लगवाए थे. इसके अलावा, मृतक की पहचान में जुटीं पुलिस की टीमें गुरुग्राम, आगरा, अलीगढ़, हाथरस, नोएडा और दिल्ली तक जा पहुंचीं हैं, पुलिस ने मृतक की तस्वीरें वॉट्सऐप ग्रुप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और फेसबुक पर भी साझा किए गए हैं, जिसके ज़रिए पुलिस को इनपुट मिला और पूरी बात पता चला गई.
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