…..”गुंडई करोगे हमारे बाजार में तो मारेंगे गोली सीधे कपार में” यह लाइन खुद लवलेश तिवारी ने अपने Facebook पर पोस्ट की थी। वह अक्सर Facebook पर इसी तरह की लाइनें पोस्ट किया करता था। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसी लाइनें पोस्ट करने वाला शख्स अतीक अहमद के माथे पर पिस्टल तान कर उसे मारने का कदम उठा सकता है। इसके बाद आता है सनी और अरुण मौर्य का नाम…. और उनकी कहानी भी कुछ इस तरह है जिन्होंने कैमरे पर अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को गोली मार दी। लेकिन यह अभी भी पुलिस के लिए एक रहस्य है कि तीन अलग-अलग शहरों के ये कम उम्र के लड़के कैसे एक-दूसरे के संपर्क में आए और उन्हें बंदूकें कैसे मिलीं। फिलहाल तीनों को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। मौके पर सरेंडर करने वाले इन तीनों हमलावरों से STS लगातार पूछताछ कर रही है। आइए हम आपको इन आरोपियों के बारे में वो बातें बता देते हैं जिनसे आप अंजान हैं।
1. अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को सरेआम गोली मारने वाले तीन थे। जिसमें लवलेश तिवारी भी आरोपी है। कौन है यह लवलेश। आपको बता दें, लवलेश तिवारी सोशल मीडिया पर अपने नाम के आगे ‘महाराज’ लगाता था, बंदूक के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट करता था तो कभी गले में कोबरा लिए नजर आता था। उसने एक Facebook में यह भी लिखा था कि “गुंडई करोगे हमारे बाजार में तो मारेंगे गोली सीधे कपार में” … ऐसी लाईनें उसकी मंशा जाहिर करने के लिए काफी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लवलेश के पिता ने भले ही दावा किया हो कि उनका बेटा परिवार के संपर्क से बाहर था, लेकिन लवलेश के सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, वह लगतार अपने पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल हुआ करता था।
2. आपको बता दें, सनी ही वो शख्स था… जिसने सबसे पहले अतीक अहमद के भाई अशरफ को गोली मारी थी। पुलिस के मुताबिक सनी ने पहले अशरफ को तुर्किश पिस्टल से गोली मारी। यह शूटर 90 के दशक में यूपी में माफिया राज की शुरुआत करने वाले श्रीप्रकाश शुक्ला का बड़ा फैन है, खास बात यह है कि तीन आरोपियों में सनी ही अकेला है जो बिना चूके अपने हाथों से शूट कर सकता है। आठवीं के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। आसपास के लोगों के मुताबिक सनी जब 10 साल का था तो वह अपराधियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए साइबर कैफे जाता था। वह श्रीप्रकाश शुक्ल से विशेष रूप से प्रभावित था। कम उम्र में ही उसे…. पढ़ाई से ज़्यादा हथियारों में दिलचस्पी थी
3. अतीक-अशरफ शूटआउट की इस तिकड़ी में तीसरा नाम अरुण मौर्य है। इन तीनों में अरुण सबसे रिजर्व रहने वाला शख्स है। 18 साल के इस अरुण का गांव में कोई भी साथी-दोस्त नहीं है। बताया जाता है कि अरुण के पिता का नाम दीपक है और दीपक पहले पानीपत में मजदूरी का काम किया करते थे। 10 साल पहले जब अरुण के पिता गांव लौटे तो उन्होंने जीविका के लिए पानी-पूरी बेचना शुरू किया। कहा जाता है कि अरुण के पिता दीपक कभी किसी से तेज आवाज में बात नहीं करते थे। बात करें अरुण की तो, वह पानीपत में अपने पिता से अलग रहता है, जबकि उसके पिता कासगंज के एक गांव में रहते हैं। अरुण आखिरी बार छह महीने पहले गांव आया था, जब उसका हाथ पर एक प्लास्टर लगा था। अतीक की हत्या करने वालों में उसका नाम आने के बाद उसके माता-पिता अपने 12 साल के बेटे और 14 साल की बेटी को लेकर घर को बंद करके कहीं चले गए हैं।
4. आपको बता दें, माफिया ब्रदर्स को मारने वाली इस तिकड़ी में शामिल लवलेश और सनी दोनों जेल काट के भी आ चुके हैं। लवलेश के खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें लवलेश सार्वजनिक जगह पर थप्पड़ मारने के आरोप में जेल भी जा चुका है। लवलेश ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर खुद को बजरंग दल गिरोह का सक्रिय सदस्य बताया है। हालांकि बांदा इकाई के अध्यक्ष अंकित पांडेय ने इस बात से साफ़ इनकार किया है।
5. मिली जानकारी के मुताबिक, अतीक और अशरफ को मारने वाले सनी पर सबसे ज्यादा 14 मामले दर्ज हैं। इस मुकदमों में हत्या, चोरी और बंदूक कानून के कई आरोप शामिल है। सनी को साल 2021 में चित्रकूट जेल में भी रखा गया था। सनी का लिंक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुंदर भाटी गिरोह से भी जुड़ा था, इसके अलावा उसके खिलाफ मादक पदार्थों की तस्करी का मामला भी दर्ज किया गया था। खास बात यह है कि सनी को देसी बम बनाने का अनुभव है।
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