Crime

अतीक के बाद अब मुख्तार अंसारी पर आई शामत, मऊ से लेकर गाजीपुर तक जानिए जुर्म हिस्ट्री

लखनऊ: जुर्म और राजनीति की दुनिया में अपना लोहा मना चुका माफिया मुख्तार अंसारी की शामत आने वाली है। 11 साल बाद कृष्णानंद राय हत्या मामले में मुख्तार अंसारी के ऊपर सजा का फैसला सुरक्षित रखा गया है। 15 अप्रैल को कोर्ट सजा पर सुनाएगी फैसला। गाजीपुर में कृष्णानंद राय सहित छह लोगों की हत्या की गई थी, उसी मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है।

सलाखों के पीछे बीत रहे हैं दिन

उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक को आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है, अब मुख्तार अंसारी की बारी है, जिसके कारण वह खौफ में जी रहा है। जिस मुख्तार अंसारी का आतंकी नेटवर्क देश के दर्जनभर राज्यों में रहा हो, जिसका नेटवर्क विदेशों में रहा हो, आज वही मुख्तार अंसारी अपने जीवन की आजादी के लिए तरस रहा है। मुख्तार ही नहीं बल्कि उसका बेटा और बहू भी जेल की सलाखों में दिन बिता रहे हैं।

अंसारी की जुर्महिस्ट्री जानें

देशभर में कुल  62 मुकदमें मुख्तार अंसारी पर दर्ज है, 24 विचाराधीन हैं और तीन मुकदमों में अब तक मुख्तार अंसारी को सजा मिल चुकी है।

6 वर्ष में हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई-

573 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां अबतक जब्त या ध्वस्त कराई जा चुकी है। मुख़्तार गैंग को 213 करोड़ रुपये की आर्थिक चोट पहुंचाई गई है एवं सैकड़ों अवैध कारोबार भी बंद कराए जा चुके हैं.

यूपी के 4 जिलों में मुख्तार का आतंकी कनेक्शन-

मऊ-

सदर विधानसभा का बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी IS-191 नाम का गिरोह गाजीपुर जिले से चलता था यह गैंग ग़ाज़ीपुर में रजिस्टर्ड है। गिरोह के लोग भूमाफिया, बूचड़खाना, मछली मंडी, टैक्सी स्टैंड, नगर पालिका टैक्सी स्टैंड, अवैध वसूली के माध्यम से वर्ष भर में करोड़ो रूपये की काली कमाई करते थे। इस गैंग की13 करोड़ रुपये की वार्षिक आय को रोकने में पुलिस को सफलता मिली। अबतक की कार्रवाई में 22 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई। 12 गुंडों को जिलाबदर किया गया। 26 बदमाशों के सस्त्र लाइसेंस निरस्त किया गया।

जिले में 60 से अधिक गैंग पुलिस की अपराध पंजिका में पंजीकृत हैं। जिसमें से तीन गैंग के चार सदस्य मुख्तार गैंग के लिए काम करते हैं। गैंग द्वारा अपराध से अर्जित की गई संपत्ति से मुख़्तार गैंग को मजबूत बनाया जाता था। यही गैंग मुख़्तार को अपराध से लेकर राजनीति तक मददगार की भूमिका अदा करता है। बता दे कि जिले से मुख्तार गिरोह के लिए काम करने वाले सुरेश सिंह D-34 गैंग का सरगना है, इसका प्रमुख रोल टैक्सी स्टैंड से अवैध वसूली करना साथ ही ट्रांसपोर्ट का बिजनेस था। पुलिस ने इन पर कार्रवाई करते हुए गैंगेस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए इनकी 25 गाड़ियों को सीज करते हुए 4 करोड़ 28 लाख 95 हजार रुपये कीमत के वाहनों को भी सीज किया गया है।

कोयला माफिया और आपराधिक गैंग IR-09 के सदस्य हिस्ट्रीशीटर राजेश सिंह उर्फ राजन सिंह 35 लाख रुपये की संपत्ति को कुर्क करने का काम किया गया। राजेश का आपराधिक इतिहास, इसके ऊपर कुल 8 मुकदमें पंजीकृत है। 2009 में मन्ना सिंह ठेकेदार की हत्याकांड में गवाह रामसिंह व उसकी सुरक्षा में लगे सिपाही सतीश सिंह को 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गया। जिसमें मुख्य शरण दाता के रूप में भूमिका निभाने वाले राजेश सिंह उर्फ राजन सिंह व उनके भाई उमेश सिंह का नाम सामने आया जिस पर कार्रवाई करते हुए 6.5 करोड़ की संपत्ति को सीज किया गया।

वाराणसी-

वाराणसी पुलिस लाइंस में चलती जीप से गोली चलाकर हेड कॉन्स्टेबल राजेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई थी। राजेंद्र बाहुबली बृजेश सिंह के करीबी त्रिभुवन सिंह का भाई था। कहते हैं कि राजेंद्र को गोली मुख्तार अंसारी ने मारी थी, क्योंकि चलती जीप पर ऐसे निशाना लगाना सिर्फ मुख्तार के बस की ही बात थी।

डॉन मुख्तार अंसारी का नाम सामने आते ही बड़ों-बड़ों को पसीना आ जाता है लेकिन आज उसी मुख्तार अंसारी पर बनारस के चर्चित अवधेश राय की हत्या करने के आरोप में सजा का डर सता रहा है। वैसे तो कुख्यात माफ़िया डॉन मुख़्तार अंसारी की फेरहिस्त काफी लंबी है लेकिन बात वाराणसी की करें तो बनारस में भी इस माफिया के खिलाफ कई मुकदमा दर्ज है जिसमे गाजीपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक रंजन व तत्कालीन एसपी देवराज नागर के फर्जी हस्ताक्षर करवा के शस्त्र लाइसेंस के लिए संस्तुति करवाने, जिसमें वहाँ के डीएम व एसपी कार्यालय के कर्मचारियों की भी संलिप्तता थी इसलिए बनारस की एन्टी करप्शन टीम ने उस मामले में यहां अभियोग पंजीकृत करवाया था और उसकी जांच भी सीबीसीआईडी कर रही है।

मुकदमा अपराध संख्या 229/91 में सरकार बनाम मुख्तार अंसारी मामले में मुकदमा, मृतक अवधेश राय के भाई अजय राय ने करवाया था। केस ट्रायल की बात करें तो इसका नम्बर नवंबर 2007 में आया। 23 नवंबर 2007 को इस मुकदमे की सुनवाई हो रही थी जिसमे मुकदमा वादी अजय राय भी उपस्थित थे लेकिन सुनवाई के दौरान ही कचहरी परिसर में बम विस्फोट हो गया और मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर दी गई। कड़ी सुरक्षा में वादी मुकदमा अजय राय को कचहरी परिसर से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसी बीच अवधेश राय की हत्या में कुल 6 आरोपियों में से दो, राकेश न्यायिक व भीम सिंह ने अपनी पत्रावलियों को हाई कोर्ट में स्थानांतरित करवा लिया।

इतना प्रभाव था कि अदालत में 2007 से लेकर 2021 तक कोई भी साक्ष्य अंकित नहीं कराया जा सका।प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से अभियोजन पक्ष ने इस केस में तेजी लायी और 2022 से अवधेश राय हत्याकांड में चल रही लगातार सुनवाई में मुकदमा वादी अजय राय, चश्मदीद गवाह रहे विजय पाण्डेय उर्फ “बिज्जू गुरु”, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक थाना चेतगंज उदयभान सिंह, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सी.डी. त्रिपाठी का बयान अंकित किया गया। द्वितीय विवेचनाधिकारी, प्रभारी निरीक्षक चेतगंज थाना कृपाशंकर शुक्ला एवं एक अन्य साक्षी की गवाही हुई, इस प्रकार कुल 6 महत्वपूर्ण गवाहों के साक्ष्य अंकित कराए गए।

वहीं बचाव पक्ष की तरफ से मुख्तार अंसारी के बचाव में भी 6 गवाहों को प्रस्तुत करने को कहा गया। न्यायालय में प्रस्तुत होने वाले में मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी, दूसरे गवाह रामजी राय एवं 4 अन्य गवाहों को बुलाया गया। मृतक अवधेश राय व उनके भाई अजय राय के आपराधिक मामलों की जानकारी के लिए बनारस के थाना चेतगंज, थाना सिगरा, थाना कैन्ट एवं थाना शिवपुर से ब्यौरा मांगा गया।

महत्वपूर्ण और गौर करने वाली बात यह है कि इतने पुराने मामले में 2022 में जाकर सुनवाई हुई, जिससे समझ में आता है कि माफिया मुख्तार अंसारी का कितना रसूख है कि इतने पुराने मामले में समुचित सुनवाई होने में तीन दशक से ज्यादा समय लग गए। 2022 में कोविड काल मे पहला वाकया था जब बनारस में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आरोपी मुख़्तार अंसारी बाँदा जेल से तो वहीं तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक थाना चेतगंज उदयभान सिंह जो कि अस्पताल में अपनी रीढ़ की हड्डी का इलाज कराने के लिए भर्ती थे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित थे और वहीं से अपना बयान दर्ज करवाया।

वहीं अवधेश राय के छोटे भाई पूर्व विधायक अजय राय जो कि इस मामले में मुकदमा वादी भी हैं ने इंडिया न्यूज के कैमरे पर कहा कि लगभग 32 वर्षों से हमारा परिवार न्याय पाने के लिए इस लड़ाई को लड़ रहा है और अब मामले की सुनवाई अंतिम चरण में चल रही है और मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। अजय राय ने कहा कि मुख्तार अंसारी को फांसी से कम की सजा नहीं मिलनी चाहिए, उन्होंने कहा कि हम हमारा परिवार बच्चे 32 वर्षों से इसका इंतज़ार कर रहे हैं।

 

आजमगढ़-

अंसारी और उसके सहयोगी के विरुद्ध जनपद में कार्रवाई लगातार जारी है, आजमगढ़ में मुख्तार अंसारी के विरुद्ध दर्ज हैं दो मुकदमे जिसमें गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा भी शामिल है, 7 करोड़ 77 लाख की प्रॉपर्टी का अभी तक हो चुका है जब्तिकरण, 1.5 करोड़ की संपत्ति का ध्वस्तीकरण हो चुका है।

आजमगढ़ जनपद पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है, आजमगढ़ में मुख्तार अंसारी के विरूद पुलिस ने हत्या के साथ साथ गैंगस्टर एक्ट का मुकमदा पंजीकृत है, आजमगढ़ के तरवां थाना क्षेत्र में हुए हत्या के एक मामले में पुलिस ने मुख्तार समेत उसके सहयोगियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है।

आपको बता दे 6 फरवरी 2014 को तरवां थाना क्षेत्र के ऐराकला गांव में निर्माणाधीन एक सड़क के ठेके को लेकर मुख्तार गैंग के लोगों ने ठेकेदार राजेश सिंह निवासी अहिराबाद थाना सरायलखंसी, जिला मऊ पर 6 फरवरी 2014 को ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, इस दौरान राजेश सिंह के दो मजदूरों राम इकबाल पुत्र मोहन निवासी सरदहा थाना मोच जिला गया बिहार तथा पांचू पुत्र रामजतन को भी गोली लगी थी।

पूरे मामले पर आजमगढ़ एसपी अनुराग आर्य ने बातचीत में बताया कि माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी के विरुद्ध जनपद में लगातार कार्यवाही जारी है मुख्तार अंसारी के ऊपर यहां पर दो मुकदमे, जिसमें गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा शामिल है इसके सहयोगी के विरुद्ध और ये दो मुकदमे मिलाकर के कुल 17 अभियोग जनपद में पंजीकृत हैं।

 

ग़ाज़ीपुर-

आईएस 191 गैंग सरगना माफिया मुख्तार अंसारी समेत अन्य सदस्यों की 200 करोड़ की संपति के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

200 करोड़ की संपत्ति के खिलाफ ध्वस्तीकरण और जब्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है।
80 असलहे के खिलाफ जब्तीकरण की कार्रवाई की गई है।
मुख्तार अंसारी पर गाजीपुर में 6 मामले दर्ज हैं, जो कोर्ट में चल रहे हैं।
मुख्तार अंसारी गैंग समेत अन्य के खिलाफ आगे भी कार्रवाई प्रचलित है।
इसके अलावा गाजीपुर की पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी की लखनऊ स्थित संपत्ति के खिलाफ कुर्क की कार्रवाई भी की है।

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Riya Kumari

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