लखनऊ: उत्तर प्रदेश से स्कूल प्रशासन और धोखाधड़ी का मामला सामने निकलकर आ रहा है. बताते चलें, यह मामला हरदोई का है जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी 123 फर्जी टीचरों को पाया गया है. इन 123 फर्जी शिक्षकों ने शिक्षा विभाग से करीब 3 करोड़ 14 लाख 502 रुपये […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश से स्कूल प्रशासन और धोखाधड़ी का मामला सामने निकलकर आ रहा है. बताते चलें, यह मामला हरदोई का है जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी 123 फर्जी टीचरों को पाया गया है. इन 123 फर्जी शिक्षकों ने शिक्षा विभाग से करीब 3 करोड़ 14 लाख 502 रुपये हड़प लिए. खबर के मुताबिक़, शिक्षा विभाग अभी तक फर्जी टीचरों के वेतन के रूप में दी जाने वाली राशि की वसूली नहीं कर पाया है। अब शिक्षा महानिदेशक ने जिस क्रम में कार्रवाई की गई है, उसमें सभी फर्जी शिक्षकों को बरामद करने के निर्देश दिए हैं, जिससे घोटालेबाजों में हड़कंप मच गया है.
बेसिक शिक्षा विभाग में तमाम भर्तियों में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्तियां की गई और उनकी जांच में हरदोई में 123 झूठे शिक्षक व शिक्षिकाएं पाए गए, जिनमें से 123 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और सभी को निलंबित कर दिया गया. जालसाजी के दौरान इन लोगों को शिक्षा विभाग से दो साल का वेतन भी मिला। बीएसए की डॉ. विनीता ने बताया कि इन लोगों को वेतन के रूप में तीन करोड़ 14 लाख 502 रुपये मिले। इन फर्जी शिक्षकों की वसूली अब तक नहीं हो पाई है, लेकिन अब शिक्षा महानिदेशक की तरफ से इन सभी की वसूली के आदेश जारी कर दिए हैं.
जालसाजों में हड़कंप
शिक्षा महानिदेशक के पत्र भी सभी बीएसए को भेजे गए थे, जिसके बाद हरदोई में भी इन झूठे शिक्षकों की वसूली की प्रक्रिया तेज कर दी गई थी. इसके तहत अब यह राशि उन सभी शिक्षकों से वसूल की जाएगी जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाई है और वेतन प्राप्त किया है। बीएसए डॉ. विनीता ने कहा कि यह प्रक्रिया शुरू हो गई है। आपको बता दें, इस आदेश के जारी होते ही फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मच गया।