फुतियान, ईवू. दिवाली में गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति हो या गांव-गांव में बिकने वाले सस्ते मोबाइल, चाइनीज़ प्रोडक्ट का दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट हब ईवू शहर का फुतियान मार्केट पांच हिस्सों में बंटा है और उसका हर हिस्सा दिल्ली के प्रगति मैदान से दस गुना से ज्यादा बड़ा है. फुतियान मार्केट यानी ‘चीन के चांदनी चौक’ से इंडिया न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया की स्पेशल रिपोर्ट.
फुतियान मार्केट चीन के सेंट्रल झेजियांग प्रांत के सबसे बड़े व्यापारिक शहर ईवू का वो मार्केट है जहां दुनिया भर के धर्म-समुदाय से जुड़े सारे सामान थोक भाव पर बिकते हैं. ये बात और है कि कम्युनिस्ट शासन वाले चीन में कोई भी धर्म मानने पर पाबंदी है. ईवू शहर हॉंगझू शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर है जहां जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गए हैं.
12 लाख की आबादी वाले ईवू शहर में 1982 में 70 दुकानों के साथ ईवू मार्केट की शुरुआत हुई थी जिस बाजार ने 2001 में चीन के विश्व व्यापार संगठन यानी WTO में शामिल होने के बाद बहुत ज्यादा तेज रफ्तार से खुद को बढ़ाया. 2007 में इस बाज़ार का नाम फुतियान बाज़ार हो गया. 2015 में बुलेट ट्रेन भी इस शहर तक पहुंच गया जो इसे शंघाई और हॉंगझू से जोड़ती है.
फुतियान मार्केट में पांच मार्केट हैं जिनका नाम फुतियान-1 से लेकर फुतियान-5 तक हैं. लोकल भाषा में डिस्ट्रिक्ट-1 से डिस्ट्रिक्ट-5 कहा जाता है. फुतियान का एक-एक मार्केट दिल्ली के प्रगति मैदान से दस गुना से भी ज्यादा बड़ा है. फुतियान के पांचों बाज़ार में करीब 1 लाख 20 हजार दुकान हैं और अगर एक दुकान पर 2 मिनट भी रुकें तो फुतियान मार्केट की हर दुकान को देखने में डेढ़ साल का समय लग जाता है.
फुतियान मार्केट की 99 फीसदी दुकानें महिलाएं चलाती हैं और इस मार्केट की छोटी-छोटी दुकानों में भी रोज़ करोड़ों का कारोबार होता है. भारत, अमेरिका से लेकर हर देश के व्यापारी हर रोज़ करोड़ों की खरीदारी करते हैं. दुनिया के सबसे बड़े होलसेल मार्केट फुतियान मार्केट का समय फिक्स है. सुबह 8 से शाम 5 बजे तक.
फुतियान मार्केट नंबर 5 यानी डिस्ट्रिक्ट-5 में सिर्फ विदेशियों की दुकानें हैं. मतलब, इस मार्केट में चीन से बाहर के लोगों की दुकान है जो चीन के लोगों के लिए अपना सामान बेचते हैं. इस मार्केट में करीब 100 देशों के कारोबारियों की दुकान है. चीन सरकार स्थानीय व्यापारियों की हरसंभव मदद करती है.
दिवाली, होली, गणेश पूजा, दशहरा समेत तमाम भारतीय पर्व-त्योहार के सामान व्यापारी फुतियान मार्केट से पर्व से चार महीने पहले खरीद लेते हैं जो वहां से दो महीने में भारतीय बाज़ार में पहुंच जाता है. दुनिया के हर धर्म से जुड़े सामान चीन में बनते हैं और फुतियान के बाज़ार में बिकते हैं. हालांकि चीन में कोई भी धर्म मानने पर कानूनी पाबंदी है लेकिन धार्मिक प्रोडक्ट धड़ल्ले से बनते और बिकते हैं.
भारत में उड़ने वाली पतंग के मांझे भी चीन से आ रहे हैं जो कई बार जानलेवा साबित हो जाती हैं. चीन के बाज़ार में एलईडी वाले मांझे और पतंग भी बिक रहे हैं जिसे रात में उड़ाने पर डोर और पतंग दिखता रहता है. होली की पिचकाड़ी से लेकर दिवाली की सजावट के सामान, बच्चों के खिलौने से लेकर फैन्सी सामान, फुतियान मार्केट में दुनिया की हर वो चीज मिलती है.
इस मार्केट का एक ही फंडा है. आपको क्या चाहिए. अगर कोई सामान उस मार्केट में नहीं भी मिल रहा हो तो आप वहां कोई प्रोडक्ट दिखा दीजिए. इस मार्केट में आपको उस सामान की डुप्लीकेट कॉपी लाखों-करोड़ों की संख्या में सस्ते में मिल जाएगी.