नई दिल्ली: घर-घर खाना पहुंचाने वाली कंपनी जोमैटो को जीएसटी से 803 करोड़ रुपये चुकाने का ऑर्डर मिला है। इनमें से 401 करोड़ 70 लाख 14 हजार 706 रुपये जीएसटी और इतनी ही रकम जुर्माने के तौर पर जमा करने का आदेश दिया गया है. जीएसटी नहीं चुकाने पर रडार पर आई कंपनी ने बीएसई को यह जानकारी दी है।
GST की नोटिस के बाद ZOMATO ने कहा है कि उसका पक्ष मजबूत है. इसलिए जल्दी ही जोमैटो की ओर से इस आदेश के खिलाफ बड़ी अथॉरिटी के सामने अपील दायर की जाएगी. गुरुवार को जोमैटो ने शेयर बाजार को जानकारी दी थी कि उसे सेंट्रल जीएसटी, ठाणे के संयुक्त आयुक्त से डिमांड नोटिस मिला है. इसमें कंपनी को ब्याज और जुर्माने के साथ जीएसटी बकाया का भुगतान करने के लिए कहा गया है. यह डिमांड नोटिस 29 अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2022 तक की कारोबारी अवधि के लिए है. इसमें उन पर उक्त अवधि के दौरान डिलीवरी शुल्क पर जीएसटी का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया गया है. 12 नवंबर को जारी हुआ यह ऑर्डर जोमैटो प्रबंधन को 12 दिसंबर को मिला. ज़ोमैटो का तर्क है कि डिलीवरी मैन को ऑर्डर के आधार पर भुगतान किया जाता है, यह डिलीवरी शुल्क कंपनी के पास नहीं रहता है, बल्कि गिग वर्कर को दिया जाता है।
कंपनियों को हर सेवा और उत्पाद पर टैक्स देना पड़ता है, जिसे जीएसटी कहा जाता है। कभी-कभी कुछ कंपनियां इस जीएसटी का भुगतान समय पर नहीं करती हैं. फिर जीएसटी अथॉरिटी उस पर जुर्माना और ब्याज दोनों लगाती है. भुगतान न करने पर जुर्माना लगाया जाता है और जीएसटी की राशि पर ब्याज लगाया जाता है. जोमैटो के साथ भी ऐसा ही हुआ और कुल 803 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है.
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