Zomato की को-फाउंडर आकृति चोपड़ा ने 13 साल बाद दिया कंपनी से इस्तीफा, जानें वजह

नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स कंपनी जोमैटो (Zomato) की को-फाउंडर और चीफ पीपुल ऑफिसर आकृति चोपड़ा ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 27 सितंबर 2024 से प्रभावी हो गया है। जोमैटो ने स्टॉक एक्सचेंजों को रेगुलेटरी फाइलिंग के माध्यम से यह जानकारी दी है। फाउंडर दीपिंदर गोयल कंपनी ने […]

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Zomato की को-फाउंडर आकृति चोपड़ा ने 13 साल बाद दिया कंपनी से इस्तीफा, जानें वजह

Yashika Jandwani

  • September 27, 2024 10:37 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स कंपनी जोमैटो (Zomato) की को-फाउंडर और चीफ पीपुल ऑफिसर आकृति चोपड़ा ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 27 सितंबर 2024 से प्रभावी हो गया है। जोमैटो ने स्टॉक एक्सचेंजों को रेगुलेटरी फाइलिंग के माध्यम से यह जानकारी दी है।

फाउंडर दीपिंदर गोयल

कंपनी ने कहा कि आकृति चोपड़ा ने अपनी दूसरी रुचियों को आगे बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया है। जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल को भेजे गए ईमेल में आकृति ने अपनी 13 साल के सफर यात्रा को “अतुलनीय और समृद्ध” बताते हुए धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, “मेरी 13 साल की जर्नी शानदार रही है। सभी चीजों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं हमेशा एक कॉल की दूरी पर हूं।”

Zomato Akriti Chopra Resigns: जोमैटो की को-फाउंडर और चीफ पीपुल ऑफिसर आकृति चोपड़ा ने दिया इस्तीफा

आकृति चोपड़ा ने 2011 में जोमैटो के साथ अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। उन्होंने वित्त और संचालन विभाग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके बाद उन्हें 2021 में कंपनी का को-फाउंडर बनाया गया। इस प्रमोशन से पहले वे कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर थीं। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने जोमैटो को कई नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

फाइनेंस और ऑपरेशंस

उनके नेतृत्व में कंपनी ने फाइनेंस और ऑपरेशंस के क्षेत्र में कई सुधार किए और 2021 में कंपनी को शेयर बाजार में लिस्टिंग का भी एक्सपीरियंस हुआ। सीएफओ के रूप में उनके योगदान ने कंपनी को फाइनेंसियल स्थिरता और ग्रोथ के रास्ते पर लीड किया। जोमैटो से पहले, आकृति चोपड़ा ने प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (PwC) के साथ काम किया था, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम किया। कंपनी के लिए उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा और उनके इस्तीफे के बाद, कंपनी में उनका स्थान भरना एक चुनौती साबित हो सकता है।

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