नई दिल्ली. Wipro : आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी Wipro ने अपने कुछ कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. दरअसल, मूनलाइटिंग यानी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के लिए काम करने की वजह से विप्रो ने अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. यह जानकारी विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने खुद दी है, इस […]
नई दिल्ली. Wipro : आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी Wipro ने अपने कुछ कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. दरअसल, मूनलाइटिंग यानी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के लिए काम करने की वजह से विप्रो ने अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. यह जानकारी विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने खुद दी है, इस संबंध में एक कार्यक्रम के दौरान प्रेमजी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में हमने 300 लोगों की पहचान की है जो एक ही समय में दूसरी कंपनी में भी सेवा दे रहे थे, इसलिए हमने तत्काल प्रभाव से इन 300 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है.
गौरतलब है, यह पहली बार है जब किसी आईटी कंपनी ने मूनलाइटिंग की वजह से इतने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छटनी की हो, इससे पहले विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी ने कर्मचारियों की मूनलाइटिंग को कंपनी के साथ विश्वासघात बताया था.
जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के अलावा पैसे कमाने के लिए एक काम के साथ दूसरा काम भी करने लगता है तो उसे तकनीकी भाषा में मूनलाइटिंग कहते हैं. कोरोना काल के दौरान इसका चलना बढ़ा था, क्योंकि तब सभी को घर बैठकर काम करना होता था और तब ज्यादातर लोगों को तनख्वाह भी आधी ही मिलती थी, ऐसे में अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोगों ने मूनलाइटिंग करना शुरू कर दिया था. जानकारों के मुताबिक आईटी कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम की वजह से कर्मचारियों को मूनलाइटिंग का मौका मिल जाता है, लेकिन इससे पहले मूनलाइटिंग की वजह से कभी कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकाला गया है. विप्रो ऐसा करने वाली पहली आईटी कंपनी है, ऐसा कर के विप्रो ने मूनलाइटिंग के खिलाफ आईटी कंपनियों के लिए एक उदाहरण पेश किया है.
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